धर्मशाला में इन तीनों में मुकाबला
हिमाचल प्रदेश में लोकसभा के साथ साथ छह विधानसभा सीटों पर भी सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होगी। इनकी मतगणना संबंधित विधानसभा मुख्यालय में बनाए गए काउंटिंग सेंटर पर होगी। उप चुनाव में भी सबसे पहले सर्विस और बेलेट पेपर की काउंटिंग होगी।
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छह सीटों पर उप चुनाव में कुल 4,54,926 मतदाताओं में से 3,29,240 (76.89%) ने वोट दिया। इनमें 32,089 पुरुष, 35,337 पुरुष और एक थर्ड जेंडर का मतदाता शामिल है।कुटलैहड़ में सबसे ज्यादा 67427 (76.20%) फीसदी और धर्मशाला में सबसे कम 60981 (71.2%) मतदाताओं ने वोट डाला है। आज की मतगणना के बाद छह विधानसभा की जनता को नया विधायक मिल जाएगा।
बड़सर विधानसभा में 62695 (71.69%), लाहौल स्पीति में 18977 (75.09%), गगरेट में 63359 (75.14%) और सुजानपुर में 55800 (73.76%) प्रतिशत लोगों ने अपना वोट डाला। इन छह सीटों पर 25 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है।
लाहौल स्पीति में त्रिकोणीय मुकाबला
लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में टक्कर है।
धर्मशाला में बीजेपी के बागी चौधरी
धर्मशाला सीट पर बीजेपी सुधीर शर्मा, कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी और निर्दलीय राकेश चौधरी के बीच मुकाबला है। इन तीनों के अलावा यहां सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
कुटलैहड़ में 4 दावेदार
कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है।
गगरेट में पांच दावेदार
गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है।
सुजानपुर में 6 दावेदारों में मुकाबला
सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में छह दावेदार है। यहां पर राजेन्द्र राणा बीजेपी, कैप्टन रणजीत सिंह राणा कांग्रेस, राजेश कुमार निर्दलीय, रविन्द्र सिंह डोगरा एनसीपी, अनिल राणा तथा शेर सिंह निर्दलीय मैदान में है।
बड़सर में तीन दावेदार
कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। इनका भाग्य आज ईवीएम में कैद हो गया।
15 महीने में इसलिए आई उप चुनाव की नौबत
इन छह सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही विधायक चुने गए थे। मगर इन्होंने राज्यसभा चुनाव में पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट दिया। इसके बाद विधानसभा में पार्टी के व्हिप का उलंघन किया। इसके दोषी पाए जाने पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। इसके बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट भी गए। मगर कोर्ट का रुख देखते हुए इन्होंने खुद ही याचिका वापस लेने का निर्णय लिया। इसके बाद बीते 16 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग ने छह सीटों पर उप चुनाव का ऐलान किया।