Himachal State election commission Hold panchayat reorganize process | Shimla | हिमाचल में पंचायतों के पुनर्गठन पर रोक: कोड ऑफ कंडक्ट का एक क्लॉज लागू; सरकार को झटका; समय पर चुनाव कराने के लिए फैसला – Shimla News

स्टेट इलेक्शन कमीशन अनिल खाची।

हिमाचल के स्टेट इलेक्शन कमीशन ने राज्य सरकार को झटका देते हुए पंचायतों के पुनर्गठन (री-ऑर्गेनाइज) पर रोक लगा दी है। कमीशन ने आज (सोमवार को) एक ऑर्डर जारी कर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के एक क्लॉज को लागू कर दिया है। इस क्लॉज का विकास कार्यों पर कोई असर नहीं

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वहीं, सुक्खू सरकार ने पिछली कैबिनेट मीटिंग में पंचायतों के पुनर्गठन का फैसला लिया था। इसके बाद, पंचायतीराज विभाग ने सभी जिलों के डीसी से पंचायतों के पुनर्गठन के लिए 15 दिन के भीतर प्रस्ताव मांग लिए थे। इससे पंचायत चुनाव पर संशय बन गया था, क्योंकि पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन में दो से ढाई महीने का वक्त लग जाता है।

इलेक्शन कमीशन ने आज स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव तय समय पर होंगे। कमीशन ने अपने आदेशों में कहा- 3577 पंचायतों, 92 पंचायत समितियों (BDC) में से 90 BDC, 12 में से 11 जिला परिषद और 73 में से 70 नगर निकाय का डिलिमिटेशन पहले ही कर दिया गया है। कोर्ट के आदेशानुसार, डिलिमिटेशन बार-बार नहीं किया जा सकता और तय समय से छह महीने पहले चुनाव का प्रोसेस शुरू करना होता है।

इन आदेशों के साथ कमीशन ने आरक्षण रोस्टर भी जल्दी लगाने के निर्देश दिए है।

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए। (फाइल फोटो)

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए। (फाइल फोटो)

3548 पंचायतों में वोटर लिस्ट तैयार कर चुका कमीशन

स्टेट इलेक्शन कमीशन ने अपने आदेशों में कहा- 3577 पंचायतों में 3548 की वोटर लिस्ट तैयार कर दी है। ऐसे में यदि दोबारा री-ऑर्गेनाइज और डिलिमिटेशन किया गया तो वार्ड की बाउंड्री डिस्टर्ब हो जाएगी। इससे वोटर लिस्ट भी दोबारा बनानी पड़ेगी।

वैसे भी हिमाचल में री-ऑर्गेनाइज और डिलिमिटेशन का प्रोसेस पांच महीने पहले पूरा कर दिया गया है। यह बात सभी जिलों के डीसी ने पत्र लिखकर इलेक्शन कमीशन को कह रखी है।

कमीशन बोला- पांच साल पहले चुनाव अनिवार्य

कमीशन ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, चुनाव पांच साल पूरा होने से पहले करवाने अनिवार्य है। यह संवैधानिक बाध्यता भी है।

आचार संहिता का एक क्लॉज लागू

स्टेट इलेक्शन कमिश्नर अनिल खाची ने बताया- इस नोटिफिकेशन के साथ ही प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता का एक क्लॉज लागू हो गया है। इस क्लॉज के लागू होने के बाद पंचायतों के वार्ड की बाउंड्री चेंज नहीं होगी। पूरे तौर पर आचार संहिता उस दिन लागू होगी, जब इलेक्शन कमीशन पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव की तिथियां घोषित करेगा।

इन एक्ट में निहित प्रावधान के तहत रोक लगाई

इलेक्शन कमीशन ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 243K(1) ZA(1), धारा 160 के तहत एचपी पंचायती राज एक्ट, 1994, एचपी नगरपालिका एक्ट, 1994 की धारा 281 (1) और हिमाचल प्रदेश नगर निगम एक्ट, 1994 की धारा 9(1), हिमाचल प्रदेश पंचायत एवं नगर पालिका आदर्श आचार संहिता की धारा 2.1, 2020 के एक क्लॉज को लागू कर पुनर्गठन पर रोक लगाई है।

31 जनवरी 2026 को पूरा हो रहा कार्यकाल

कमीशन ने ऑर्डर में साफ किया कि पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल 31 जनवरी 2026 को पूरा हो रहा है। 18 जनवरी 2026 को 50 नगर निकायों, 13 अप्रैल 2026 को धर्मशाला, पालमपुर, मंडी व सोलन नगर निगम तथा 16 अप्रैल को अंब, चिड़गांव, कंडाघाट, नेरवा और निरमंड नगर पंचायत का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है।

इलेक्शन कमीशन इन सभी के चुनाव एक साथ कराना चाह रहा है क्योंकि बार बार चुनाव कराने से कोड ऑफ कंडक्ट भी बार बार लगाना पड़ता है। इसका असर विकास कार्यों पर पड़ता है।

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