हिमाचल के सभी जिलों के डीसी ने स्टेट इलेक्शन कमीशन के निर्देशों पर वोटर लिस्ट बनाने का काम पूरा कर लिया है। मगर इलेक्ट्रॉल (वोटर लिस्ट) को नोटिफाई नहीं किया। डीसी के इस आचरण को कमीशन ने अपने आदेशों की अवहेलना माना है।
.
स्टेट इलेक्शन कमिश्नर अनिल खाची ने बताया- कानून के तहत नोटिफाई करना जरूरी था। कमीशन ने रिमाइंडर भेजकर इलेक्ट्रॉल को नोटिफाई नहीं करने के कारण पूछे हैं और जल्द पब्लिश करने को कहा। इनका जवाब आने के बाद कमीशन आगामी कार्रवाई पर फैसला करेगा।
प्रदेश में इससे सरकार और स्टेट इलेक्शन कमीशन में टकराव की स्थिति बनती जा रही है। इलेक्शन कमीशन पंचायत व नगर निकाय चुनाव के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर चुका है। वोटर लिस्ट तैयार कर दी है। मगर सरकार अभी चुनाव कराने के मूढ़ में नजर नहीं आ रही। इलेक्शन कमीशन के आदेशों के बावजूद सरकार ने अब तक आरक्षण रोस्टर नहीं लगाया।

वोटर लिस्ट तैयार होने के बावजूद रोकी पब्लिकेशन
वोटर लिस्ट बनने के बावजूद इलेक्ट्रॉल की पब्लिकेशन रोक दी गई है। सरकार अभी पंचायतों के पुनर्गठन की तैयारियों में जुटी है। पुनर्गठन व डिलिमिटेशन का प्रक्रिया में दो से ढाई महीने का वक्त लगेगा। ऐसा किया गया तो इलेक्शन कमीशन द्वारा तैयार की गई वोटर लिस्ट को दोबारा से बनाना पड़ेगा, क्योंकि वोटर लिस्ट वार्ड वाइज बनती है। पुनर्गठन व डिलिमिटेशन से वार्ड की बाउंड्री इधर-उधर हो जाती है।
दिसंबर के पहले सप्ताह में चुनाव कराना चाह रहा कमीशन
सूत्र बताते हैं कि कमीशन दिसंबर के पहले सप्ताह में चुनाव की घोषणा करना चाह रहा है, ताकि दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक चुनाव करवाए जा सके, क्योंकि प्रदेश के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण जनवरी-फरवरी में चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

प्रदेश में 55.20 लाख वोटर
बेशक, जिलों के डीसी ने इलेक्ट्रॉल नोटिफाई नहीं किया। मगर वोटर लिस्ट फाइनल कर दी है। इसके मुताबिक, प्रदेश में इस बार 55 लाख 19 हजार 709 वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 13 लाख 17 हजार 390 वोटर और लाहौल स्पीति में सबसे कम 25 हजार 602 मतदाता है।
3548 पंचायतों में वोटर लिस्ट फाइनल
राज्य की 3 हजार 577 पंचायतों में से 3 हजार 548 पंचायतों की वोटर लिस्ट तैयार कर दी गई है, जबकि शेष 29 पंचायतों की वोटर लिस्ट एक दिसंबर तक तैयार हो जाएगी। इस बार 55.19 लाख वोटर में से 27 लाख 26 हजार 548 महिला मतदाता और 27 हजार 93 हजार 161 पुरुष मतदाता है।

30 जनवरी 2026 को पूरा हो रहा कार्यकाल
हिमाचल की 3577 पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल 30 जनवरी 2026 को पूरा हो रहा है। स्टेट इलेक्शन कमीशन को हर हाल में इससे पहले चुनाव संपन्न कराने है। तय समय पर चुनाव कराना संवैधानिक बाध्यता है। मगर राज्य सरकार आपदा और डिजास्टर एक्ट का हवाला देते हुए हालात सामान्य होने के बाद चुनाव कराने की बात कर रही है।
हाईकोर्ट के आदेशानुसार, 25 सितंबर तक लगाना था आरक्षण रोस्टर
मनीष धर्मेक बनाम स्टेट केस में हाईकोर्ट के आदेशानुसार, राज्य सरकार को 25 सितंबर तक पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण रोस्टर लगाना था। इन आदेशों को ध्यान में रखते हुए सचिव पंचायतीराज विभाग ने भी सभी जिलों के डीसी को 25 सितंबर तक आरक्षण रोस्टर लगाने के निर्देश दे दिए थे। मगर डेढ़ महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी आरक्षण रोस्टर नहीं लगाया गया। इससे, चुनाव समय पर होते नजर नहीं आ रहे।
