Himachal State Disaster Management Act implemented | Vidhansabha monsoon session | CM Sukhvinder Sukhu | Shimla | हिमाचल आपदाग्रस्त राज्य घोषित: CM ने विधानसभा में ऐलान किया; डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू, DC-SDM अपने स्तर पर ले सकेंगे फैसले – Shimla News

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू।

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा के मानसून सत्र में आज (सोमवार को) प्रदेश को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, प्रदेश में बरसात थमने के बाद इस अधिसूचना वापस लेने पर विचार किया जाएगा। स्थिति को देखते हुए आपद

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उन्होंने कहा, आपदा प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वासन के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा, बारिश से भारी नुकसान हुआ है। इस मानसून सीजन में 320 लोगों की जान जा चुकी है। 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति नष्ट हो चुकी है।

हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही का संचालन करते हुए स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया

हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही का संचालन करते हुए स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया

सरकार क्या कर सकेगी?

  • आपदा राज्य घोषित होने के बाद सरकार विधायक निधि और सरकारी योजनाओं के बजट में कटौती कर आपदा प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वासन के लिए बजट जुटा सकेगी।
  • आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए सरकार नया सेस वगैरह लगा सकेगी। इससे सरकार अतिरिक्त इनकम जुटा सकेगी। कोरोना काल में भी राज्य सरकार ने कोविड सेस लगाया था।
  • स्टेट डिजास्टर घोषित होने के बाद केंद्र से भी राज्य को अतिरिक्त मदद मिल पाएगी।
  • डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू होने के बाद मौके के ऑफिसर यानी डीसी, एडीएम और एसडी आदि आपदा प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वासन के लिए अपने स्तर पर फैसले ले सकेंगे। इसके लिए उन्हें सरकार व उच्च अधिकारियों से अनुमति लेने की औपचारिकताओं में नहीं उलझना पड़ेगा।

कब लागू होता है स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट?

स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट तब लागू होता है जब किसी राज्य में प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा की स्थिति उत्पन्न होती है। प्रदेश में इस बार भारी बारिश ने कहर मचा रखा है। राज्य में इस बार सामान्य से 35 प्रतिशत और अगस्त में नॉर्मल से 68 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। इससे जान और माल दोनों को नुकसान हो रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

राज्य में इससे पहले कोरोना काल में भी इस एक्ट को लागू किया गया था।

राज्य सरकार राष्ट्रीय आपदा की मांग कर रही

इसे देखते हुए राज्य सरकार, केंद्र से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की भी बार बार मांग करती रही है, ताकि केंद्र सरकार से इस आपदा से निपटने को आर्थिक मदद मिल सके। साल 2023 में भी हिमाचल में सदी की सबसे भीषण आपदा आई थी। मगर तब भी केंद्र ने यह मांग पूरी नहीं की।

मुख्य सचिव ने जारी की नोटिफिकेशन

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मुख्य सचिव ने भी डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट को लेकर आदेश जारी कर दिए है। इसमें 19 जून से अब तक भारी बारिश से हुई तबाही का जिक्र करते हुए राहत एवं पुनर्वासन कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा, सभी विभाग इमरजेंसी सपोर्ट सिस्टम (ESFs) का सख्ती से पालन करेंगे और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे।

सभी डीसी डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 34 में मिली शक्तियों का इस्तेमाल करने को कहा। पीडब्ल्यूडी, जल शक्ति विभाग और राज्य बिजली बोर्ड को बिजली, पानी व सड़कों की बहाली का काम युद्ध स्तर पर करने को कहा। सभी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों को भी मोबाइल और लैंडलाइन कनेक्टिविटी बहाल करने को कहा गया।

BJP विधायक आशीष शर्मा और सुधीर शर्मा

BJP विधायक आशीष शर्मा और सुधीर शर्मा

BJP विधायकों ने प्रश्न हटाने के लगाए आरोप

वहीं विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायकों ने सरकार पर विधानसभा से महत्वपूर्ण प्रश्न हटाने का आरोप लगाया। विधायक सुधीर शर्मा, आशीष शर्मा और त्रिलोक जम्वाल ने कहा, वोट फॉर कैश और आबकारी नीति पर उठाए सवाल, आरटीआई में खुलासे के बावजूद सरकार चुप है।

उन्होंने कहा, वर्तमान सरकार में हिटलर राज चल रहा है, जो मन में आ रहा है, सरकार वहीं कर रही है, सरकार में किसी भी प्रकार का डर नहीं है, चाहे वह जनता का हो या विपक्ष की। भाजपा विधायकों ने कहा, ये प्रश्न पहले से विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध थे, लेकिन सत्र शुरू होने से ठीक पहले इन्हें “रहस्यमय तरीके” या योजना पूर्वक रूप से से हटा दिया गया।

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