इको टूरिज्म मैनेजमेंट सोसाइटी के बैठक की शामिल पदाधिकारी।
शिमला जिले के रामपुर में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग की इको टूरिज्म मैनेजमेंट सोसाइटी की बैठक बुधवार को वन विभाग के मुख्य अरण्यपाल के थिरुमल की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक का उद्देश्य शिमला, किन्नौर और कुल्लू जिले में पर्यटन गतिविधियों
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तीनों जिला परिषद अध्यक्षों ने अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सुझाव रखे। बैठक में निर्णय लिया गया कि वन विभाग के जिन रेस्ट हाऊस में चौकीदार और कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े हैं। उन्हें आउट सोर्स के जरिए भरा जाएगा। ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को रहने के साथ-साथ खाने पीने की सुविधा मिल सके।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए वन विभाग के मुख्य अरण्यपाल के. थिरुमल।
बैठक में लिए गए कई निर्णय
सीसीएफ के थिरुमल ने बताया कि रेस्ट हाऊस और बायो डायवर्सिटी पार्क के जरिए प्राप्त आय का 60 प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जाता है। जबकि केंद्र और प्रदेश सरकार को इससे 20-20 प्रतिशत राजस्व प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि ऊपरी हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। लेकिन सुविधाओं की अभी भी दरकार है। जिसको लेकर इको टूरिज्म सोसाइटी की बैठक में कई निर्णय लिए गए हैं। इसके तहत रेस्ट हाऊस में पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए पुख्ता बंदोबस्त, पार्कों का निर्माण, साईकिलिस्टों के लिए नए ट्रैक का निर्माण करना, इको ट्रेल और ट्रैक पर पर्यटकों से प्रवेश शुल्क लेना, इको टूरिज्म के कुछ ट्रैकों पर साईकिल का इस्तेमाल करने सहित अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
ये रहे प्रतिनिधि मौजूद
इस मौके पर रामपुर के डीएफओ गुरहर्ष सिंह, वन विकास निगम के डीएफओ हरदेव नेगी, डीएफओ वाइल्ड लाइफ किन्नौर अशोक नेगी, बीओ सराहन कुंदन नेगी सहित राजस्व विभाग से आए प्रतिनिधि मौजूद रहे।