हिमाचल के बिलासपुर और मंडी में छाई का अलर्ट।
हिमाचल प्रदेश में आज और कल दो दिन तक घनी धुंध छाने का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग (IMD) ने बिलासपुर और मंडी जिले को यह अलर्ट जारी किया है। IMD के अनुसार, बिलासपुर में भाखड़ा बांध के जलाशय के आसपास और मंडी के बल्ह एरिया में सुबह के वक्त घनी धुंध
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इससे विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर सकती है। इसे देखते हुए खासकर वाहन चालकों को संभलकर गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है। पहाड़ों पर जब तक अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं होती, तब तक धुंध लोगों को परेशानी करती रहेगी।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में आज और कल मौसम साफ बना रहेगा। 10 नवंबर की आधी रात वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव होगा। इससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में 11 नवंबर को हल्की बर्फबारी हो सकती है। वहीं मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है। मगर मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है।
शिमला के रिज पर सुहावने मौसम के बीच घूमते पर्यटक और स्थानीय लोग।
इन जिलों में बारिश-बर्फबारी
IMD के अनुसार, चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति और मंडी जिला में बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना में मौसम साफ रहेगा।
पोस्ट मानसून सीजन में 98% कम बारिश
प्रदेश में 1 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच 29 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार औसत 0.7 मिलीमीटर बादल बरसे है। जो सामान्य से 98 प्रतिशत कम है। मानसून सीजन में भी 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। ऐसे में अब वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने के बाद राज्य में ड्राट खत्म हो सकता है।
6 जिलों में पानी की बूंद नहीं बरसी
प्रदेश में लगभग 40 दिनों बारिश नहीं हुई। 6 जिले हमीरपुर, चंबा, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू में तो पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी है। इससे सूखे जैसे हालात पनपने लगे हैं। कांगड़ा जिला में 36 दिनों में मात्र 1.5 मिलीमीटर बारिश हुई है।
किन्नौर में 0.4 मिलीमीटर, लाहौल स्पीति जिला में 0.1 मिलीमीटर, मंडी 2.8 मिलीमीटर, शिमला 0.2 मिलीमीटर और ऊना में सबसे ज्यादा 8.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। बेशक ऊना में 8.6 मिलीमीटर बादल बरसे हैं, मगर यहां भी सामान्य से 56 प्रतिशत कम बारिश है।