हिमाचल के कांगड़ा जिला के धर्मशाला में विधानसभा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का विंटर सेशन कल से धर्मशाला के तपोवन में शुरू हो रहा है। इसके लिए आज पूरी सरकार शिमला से धर्मशाला रवाना होगी। बुधवार सुबह 11 बजे से तपोवन में चार दिन चलने वाला शीत सत्र शुरू हो रहा है।
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लिहाजा इस सप्ताह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उनके कैबिनेट मंत्री और विभागीय सचिव भी शिमला में नहीं मिलेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू दोपहर बाद धर्मशाला पहुंचेंगे, जबकि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान बीती शाम को धर्मशाला पहुंच गए हैं। उधर, चीफ सेक्रेटरी कान्फ्रेंस में शामिल होने दिल्ली गए मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना दिल्ली से सीधे धर्मशाला पहुंचेगे।
जाहिर है कि अगले चार दिन तक तपोवन धर्मशाला में तपिश देखने को मिलेगी। इसकी रणनीति कांग्रेस और भाजपा विधायक दल आज शाम को धर्मशाला में बनाएंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर दोनों नेताओं ने शाम को धर्मशाला में विधायक दल की मीटिंग बुलाई है।
विधानसभा सत्र की जानकारी देते हुए स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया (फाइल फोटो)
इस सत्र के दौरान बीजेपी भ्रष्टाचार के उन मुद्दों को उठा सकती है, जो बीजेपी को राज्यपाल को सौंपे गए कच्चा चिट्ठा नाम के दस्तावेज में लगाए हैं। बीजेपी ने कच्चा चिट्ठा दस्तावेज में मुख्यमंत्री कार्यालय पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।
लैंड सीलिंग एक्ट पर तप सकता है सदन
सत्र के दौरान कांग्रेस सरकार लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन को विधेयक लाने जा रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने हमीरपुर के भोटा अस्पताल की जमीन राधा स्वामी सत्संग ब्यास की सहयोगी संस्था के नाम ट्रांसफर करने का भरोसा दिया है। अभी यहां पर राधा स्वामी सत्संग ब्यास अस्पताल चला रहा है।
लैंड सीलिंग एक्ट के हिसाब से दान की हुई जमीन ट्रांसफर नहीं की जा सकती। ऐसे में कांग्रेस सरकार एक्ट में संशोधन लाना चाह रही है। इसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में तकरार देखने को मिल सकती है, क्योंकि पूर्व बीजेपी सरकार भी इसमें संशोधन करना चाह रही थी। मगर तब विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने इसे हिमाचल को बेचने जैसा प्रयास बताया था।
बीजेपी कल करेगी प्रदर्शन
वहीं BJP ने सत्र के पहले दिन ही धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। इसे देखते हुए भी सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों विधायक दल में रणनीति बनाएंगे।