हिमाचल के सेक्रेटरी पंचायतीराज सी पालरासू।
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन के सख्त रुख के बाद सरकार के तेवर नरम पड़े है। पंचायतीराज विभाग के सेक्रेटरी सी पालरासू ने आज दोपहर बाद सभी जिलों के डीसी को पंचायत व नगर निकाय चुनाव की तैयारियां रखने के निर्देश दिए। हालांकि, चुनाव
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सेक्रेटरी ने डीसी के साथ वर्चुअल माध्यम से मीटिंग की। इसमें उन्होंने साफ कहा कि इलेक्शन कमीशन के आदेशों की अनुपालना की जाए। वोटर लिस्ट पब्लिश करने के लिए सोमवार तक इंतजार करने को कहा गया है, क्योंकि पूर्व में सभी डीसी ने वोटर लिस्ट जरूर बना ली थी, लेकिन पब्लिश नहीं किया था। इस पर इलेक्शन कमीशन ने कड़ा संज्ञान लिया है और अपने आदेशों की अवहेलना माना है।
इसी तरह, आज की मीटिंग में जिलों के डीसी को इलेक्शन मटीरियल उठाने को भी कह दिया गया है। पूर्व में कुछ जिलों के डीसी गाड़ियों और सुरक्षा लेकर शिमला पहुंच गए थे। मगर उन्हें बाद में मटीरियल उठाने को इनकार कर दिया गया था।

जिलों के डीसी से गवर्नर नाराज
बता दें कि आज सुबह इलेक्शन कमिश्नर अनिल खाची ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि राज्यपाल को बताया कि इलेक्शन कमीशन चुनाव कराने को पूरी तरह तैयार है। प्रदेश के मंत्री भी बार बार समय पर चुनाव कराने की बात कहते रहे हैं। मगर जिलों के डीसी ही कमीशन के आदेश नहीं मान रहे। इस पर गवर्नर भी संज्ञान लिया है।
सरकार ने डीसी को दी हिदायतें
इसी तरह, बीते कल मुख्य सचिव और सेक्रेटरी पंचायतीराज विभाग को भी इलेक्शन कमिश्नर ने साफ किया कि पंचायत चुनाव तय समय पर करवाना संवैधानिक अनिवार्यता है। कमीशन के रुख को देखते हुए आज प्रदेश सरकार ने जिलों के डीसी को कुछ हिदायतें दी है।
हाईकोर्ट का रुख कर सकती है सरकार
सूत्र बताते हैं कि प्रदेश सरकार पंचायतों के पुनर्गठन के लिए हाईकोर्ट का रुख कर सकती है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पंचायतों का पुनर्गठन जरूरी है। इसलिए मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के क्लॉज 12.1 को हटाने को कहा जाए।
