शिमला जिला के रामपुर के समेज गांव में बाढ़ में अपनों को बह जाने के बाद विलाप करते हुए महिला
हिमाचल प्रदेश में लगातार दूसरे साल मानसून की बारिश ने भारी तबाही मचाई है। 5 जगहों पर बादल फटने से 53 से ज्यादा लोग लापता हो गए। इनमें से अब तक 7 लोगों के शव बरामद हुए है। इस आपदा के बाद पहाड़ों पर चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई है। हर कोई अपनों के जिंदा
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पिछले साल भी प्रदेश में 14 अगस्त को एक ही दिन में 52 लोगों की जान चली गई थी। अगस्त 2017 में भी मंडी के कोटरोपी में दो बसों पर भूस्खलन के कारण एक रात में 48 यात्रियों की मौत हो गई थी। इस बार भी एक ही रात में 53 से ज्यादा लोग आपदा का शिकार हुए हैं।
रामपुर के समेच में अपनो की तलाश में घटनास्थल पर पहुंचे लोग
खास तौर पर रामपुर के समेच गांव की तबाही देवभूमि के लिए अविस्मरणीय घटना है। बादल फटने के बाद भारी बारिश के कारण पूरा समेच गांव तबाह हो गया। कल तक आलीशान घरों और 11 से 12 परिवारों का एक बड़ा गांव था। आज गांव का नामोनिशान नहीं बचा है। गांव के चारों तरफ पत्थर और मलबा ही दिखाई दे रहा है।
50 फीट तक बढ़ा खड्ड का जलस्तर
समेच गांव खड्ड से करीब 50 फीट ऊपर था। लेकिन श्रीखंड में बादल फटने के बाद बीती रात हुई भारी बारिश के कारण खड्ड का जलस्तर 50 फीट तक बढ़ गया, जिसके कारण यह तबाही हुई है और रात के अंधेरे के कारण लोग कहीं जा भी नहीं पाए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तबाही का मंजर कितना भयानक रहा होगा।
शिमला जिला के रामपुर के समेच हादसे में अपनो को खोने वाले लोग विलाप करते हुए
20 साल पहले भी हुई थी ऐसी तबाही: आत्मा राम
स्थानीय निवासी आत्मा राम ने बताया कि 20 साल पहले भी इलाके में ऐसी ही बाढ़ आई थी। उस दौरान भी घरों के बरामदे कट गए थे। तब लोगों को यहां न रहने को कहा गया था, लेकिन कुछ लोगों ने इसे नजरअंदाज कर दिया और अब पूरा गांव ही तबाह हो गया है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहर से आए 6 लोग भी खड्ड में बह गए हैं। गांव के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बिजली परियोजना और स्कूल भी बह गए हैं।
रामपुर के समेच निवासी आत्माराम, जिन्होंने बताया कि 20 बरस पहले भी समेच खड्ड में फ्लड आई थी
बचाव में जुटा प्रशासन
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों के साथ राज्य सरकार बचाव में जुटी है। सर्च ऑपरेशन जारी है। इस बीच बड़ी संख्या में लोग अपनों की तलाश में मौके पर पहुंच रहे हैं।
3 महीने की बच्ची समेत 7 लोग लापता
मंडी के चौहारघाटी और कुल्लू के बागीपुल में भी बचाव अभियान जारी है। चौहारघाटी में 3 महीने की बच्ची समेत 3 परिवारों के 11 लोग मलबे में दब गए। इनमें से 5 के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 1 को मलबे से निकालकर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चौहारघाटी में अभी भी 5 लोग लापता हैं। बागीपुल में भी आधा दर्जन मकान क्षतिग्रस्त बताए जा रहे हैं और छह से ज्यादा लोग लापता हैं।
मंडी की चौहारघाटी में तीन मकान पर लैंडस्लाइड से निकाले गए घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाते हुए रेस्क्यू दल और स्थानीय लोग
मलाणा डेम ने दूसरी साल भी डराए लोग
कुल्लू जिला के मलाणा-2 में पावर प्रोजेक्ट का डेम ओवर-फ्लो होने से निचले इलाकों में खूब तबाही हुई है। बीते साल भी डेम का एक कोना क्षतिग्रस्त होने से इसके टूटने का खतरा बना हुआ था। बीती रात को मलाणा घाटी में बादल फटने के बाद भारी मात्रा में पानी आने से डेम ओवरफ्लो हुआ। इससे लोग दहशत में आ गए। खासकर सोशल मीडिया की डेम फटने की खबरों से लोग घबरा गए थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि डेम सुरक्षित है और ओवरफ्लो जरूर हुआ।