हिमाचल सचिवालय के बाहर बीच सड़क पर धरने पर बैठे दृष्टिबाधित बेरोजगार को हटाने की कोशिश करते हुए पुलिस जवान। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस में हल्की धक्का मुक्की भी हुई।
हिमाचल के दृष्टिबाधित बेरोजगारों ने नौकरी की मांग को लेकर आज प्रदेश सचिवालय के बाहर चक्का जाम कर दिया। इससे सड़क के दोनों ओर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया, तो उस दौरान पुलिस से हल्की धक्का मुक्की भी हो गई
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बता दें कि प्रदेश के दृष्टिबाधित बेरोजगार 540 दिन से शिमला में धरने पर बैठे हैं। प्रदेशभर के दृष्टिबाधित बेरोजगार नौकरी की मांग कर रहे हैं। इससे पहले भी ये लोग 12 बार छोटा शिमला सचिवालय के बाहर प्रदर्शन और चक्का जाम कर चुके हैं।

सचिवालय छोटा शिमला के बाहर दृष्टिबाधितों के साथ पुलिस की धक्का मुक्की
आज फिर से इन्होंने सचिवालय के बाहर धरना दिया। सुबह करीब 10 बजे से धरने पर बैठे बेरोजगार हटने को तैयार नहीं है। इससे शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। खासकर सुबह के वक्त स्कूली छात्रों और दफ्तर जाने वाले कामकाजी लोगों को ज्यादा परेशानियां झेलनी पड़ी।
छोटा शिमला में दृष्टिबाधित बेरोजगारों के धरने की वजह से शिमला की लाइफ लाइन कहे जाने वाला कार्ट रोड बंद हो गया।

छोटा शिमला सचिवालय के बाहर बीच सड़क पर धरने पर बैठे दृष्टिबाधित बेरोजगार
खाली पदों पर बैकलॉग भर्ती की मांग कर रहे बेरोजगार
दृष्टिबाधित संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि वे डेढ़ साल से हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधित बेरोजगार विभिन्न विभागों में खाली पदों पर बैकलॉग भर्ती की मांग कर रहे हैं।

प्रदेश सचिवालय छोटा शिमला के बाहर दृष्टिबाधितों को हटाते हुए पुलिस जवान
अमानवीय व्यवहार कर रही सरकार: ठाकुर
राजेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। नौकरी देने के बजाय उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। तीन सप्ताह पहले भी प्रदर्शन के दौरान एक दृष्टिबाधित बेरोजगार गिरकर गंभीर रूप से घायल भी हो गया था।