Himachal News: IGMC Shimla Class four staff protest salary issue | IGMC शिमला में कर्मचारियों का प्रदर्शन: 2 महीने से नहीं मिला मानदेय; प्रदर्शन के दौरान रो पड़ी महिला कर्मचारी, काम ठप्प करने की चेतावनी – Shimla News

शिमला के आईजीएमसी में प्रदर्शन करते हुए सफाई कर्मचारी

हिमाचल के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान IGMC शिमला में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे सफाई कर्मियों ने सोमवार को अस्पताल गेट के बाहर काले रिबन बांध कर प्रदर्शन किया। इन कर्मचारियों को दी महीने से मानदेय नहीं मिल पाया। इससे परेशान होकर कर्मचारियों ने धरना दिय

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IGMC में इससे सफाई व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। कर्मचारी कई बार अस्पताल प्रबंधन से मानदेय नहीं मिलने का मामला उठा चुके है। मगर प्रबंधन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। इससे 140 कर्मचारी परेशान है। सफाई यूनियन के उपाध्यक्ष अध्यक्ष निशा का ने कहा कि जल्द सैलरी नहीं मिली तो अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने से पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारी कई बार अस्पताल के MS से भी बात कर चुके हैं, फिर भी सैलरी नही मिल रही है। जिसके कर्मचारियों ने रोष पनप रहा है।

IGMC में प्रदर्शन करते हुए सफाई कर्मचारी

IGMC में प्रदर्शन करते हुए सफाई कर्मचारी

23 के बाद होगा बड़ा आंदोलन

निशा ने बताया कि सफाई कर्मचारी 22 दिसंबर तक का इंतजार करेंगे। दोनों महीने का मानदेय नहीं दिया गया तो 23 दिसंबर से उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी। उन्होंने बताया कि दो माह से मानदेय नहीं मिलने की वजह से उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। ज्यादातर कर्मचारी किराए के कमरों में रहते है। मकान मालिक किराया चुकाने और स्कूल प्रबंधन फीस के लिए दबाव डाल रहे हैं।

निशा ने बताया कि 23 दिसंबर के बाद सचिवालय घेराव, DC ऑफिस तक मार्च, रिज पर गांधी प्रतिमा के नीचे धरना दिया जाएगा। बता दें कि आईजीएमसी प्रबंधन ने इसके लिए कंपनी के माध्यम से सफाई कर्मचारी आउटसोर्स पर हायर कर रखे है। कर्मचारी जब कंपनी से मानदेय की मांग करते हैं तो उन्हें कहा जाता है कि जब सरकार से पैसा आएगा, तब मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि दीवाली पर भी उन्हें मानदेय नहीं दिया गया।

श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे ठेकेदार:-मेहरा

सीटू अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि ठेकेदार श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। आउटसोर्स कर्मियों को न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा। ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, आठ घंटे के कार्य दिवस जैसी शर्तों का भी उलंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा यदि श्रम कानून लागू नहीं किए तो आंदोलन उग्र किया जाएगा।

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