Himachal News: BJP High command appoint Dr. Jitendra election officer Himachal president Shimla | हिमाचल में डॉ. जितेंद्र चुनेंगे भाजपा का नया अध्यक्ष: चुनाव अधिकारी नियुक्त हुए; 9 नेता कर रहे लॉबिंग, जयराम ठाकुर को लद्दाख की जिम्मेदारी – Shimla News

हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। BJP हाईकमान ने अध्यक्ष और नेशनल काउंसिल मेंबर्स के इलेक्शन के लिए देर रात चुनाव अधिकारी तैनात कर दिए हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को हिमाचल का चुनाव अधिकार

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यह फैसला बीते 28 दिसंबर को दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यशाला में लिया गया। अध्यक्ष के साथ साथ प्रदेश से तीन नेशनल काउंसिल मेंबर्स भी चुने जाने हैं। हाईकमान ने हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को लद्दाख भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।

9 नेता कर रहे लॉबिंग

यहां प्रदेश अध्यक्ष के लिए 9 नेता लॉबिंग कर रहे हैं। इसकी रेस में पूर्व अध्यक्ष सत्तपाल सत्ती और विपिन सिंह परमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इन पर सहमति नहीं बनी मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल, रणधीर शर्मा, बिक्रम ठाकुर, इंदू गोस्वामी, त्रिलोक जम्वाल, डॉ. सिकंदर और डॉ. राजीव भारद्वाज को भी दावेदार माना जा रहा है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि अध्यक्ष के चयन में जातीय व क्षेत्रीय को देखते हुए नया अध्यक्ष चुना जाएगा।

क्षेत्रीय समीकरण देखे तो कांगड़ा से होगी ताजपोशी

क्षेत्रीय समीकरण के लिहाज से विपिन सिंह परमार, बिक्रम ठाकुर, राजीव भारद्वाज और इंदू गोस्वामी में से किसी एक की ताजपोशी हो सकती है, क्योंकि ये चारों नेता प्रदेश की सत्ता की चाबी तय करने वाले सबसे बड़े कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं।

कांगड़ा में विपिन सिंह परमार को अध्यक्ष पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। परमार संगठन में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं।इंदू गोस्वामी का नाम इसलिए काफी चर्चा में हैं,क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का काफी करीबी माना जाता है।

सत्ती की दावेदारी इसलिए मजबूत

सत्तपाल सत्ती का नाम काफी चर्चा में है। दरअसल, सत्ती 9 साल तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वह ऊना से तीसरी बार विधायक बने हैं। तेज तर्रार नेता सत्ती 2 बार चुनाव में निर्वाचित होकर अध्यक्ष बने थे, जबकि तीसरी पार उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था। उनकी संगठन में मजबूत पकड़ रही है और विपक्षी पार्टी के खिलाफ उनका आक्रामक रवैया रहता है।

बिंदल की फिर से दावेदारी

मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल भी अध्यक्ष पद के लिए फिर से लॉबिंग कर रहे हैं। बिंदल जनवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए थे। मगर तब कोरोना काल में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से उन्होंने 5 महीने के भीतर ही पद से इस्तीफा दिया। दिसंबर 2022 में वह नाहन से विधानसभा चुनाव हारे। इसके बाद पार्टी ने अप्रैल 2023 में बिंदल को फिर से अध्यक्ष पद की कमान सौंपी।

नड्डा के करीबी को मिल सकता है अध्यक्ष पद

जेपी नड्डा की भूमिका रही तो उनके करीबी एवं विधायक त्रिलोक जम्वाल को भी पार्टी ये जिम्मेदारी दे सकती है। चर्चा है कि जेपी नड्‌डा 2027 के चुनाव में बिलासपुर से अपने बेटे को चुनाव में उतार सकते हैं, इसलिए जम्वाल को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

दलित वोट साधने को सिकंदर को मिल सकता है जिम्मा

राजपूत कोटे से भाजपा ने जयराम ठाकुर को नेता प्रतिपक्ष बना रखा है। ऐसे में मिशन 2027 को देखते हुए भाजपा दलित वोट साधने के लिए राज्यसभा सांसद डॉ.सिकंदर कुमार पर भी दांव खेल सकती है।

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