हिमाचल हाईकोर्ट में आज राज्यसभा चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी। बीते 9 जुलाई की हियरिंग में अदालत ने राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन की उस एप्लिकेशन को अस्वीकार किया था, जिसमें उन्होंने अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका को खारिज करने का कोर्ट से
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आपको बता दें कि, अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यसभा चुनाव को हिमाचल हाईकोर्ट में एक याचिका डालकर चुनौती दी है। इसमें उन्होंने मुकाबला बराबरी पर छूटने के बाद पर्ची से विजय घोषित करने के नियम को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि यदि दो प्रत्याशी को बराबर-बराबर वोट मिलते हैं, उस सूरत में लॉटरी निकालने का जो फॉर्मूला है, वह गलत है।

राज्यसभा सांसद चुनाव को चुनौती देने वाले एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी
हारा हुआ डिक्लेयर किया
अभिषेक मनु सिंघवी के अनुसार, नियम की एक धारणा को उन्होंने याचिका में चुनौती दी है। जब मुकाबला टॉय होता है, उसके बाद पर्ची निकाली जाती है। जिसकी पर्ची निकलती है, उसे विनर डिक्लेयर होना चाहिए। मगर, अभी जिसकी पर्ची निकलती है, उसे हारा हुआ डिक्लेयर किया गया है। यह धारणा कानूनी रूप से गलत है।
राज्यसभा चुनाव में सिंघवी व महाजन को मिले थे बराबर वोट
बकौल सिंघवी पर्ची में जिसका नाम निकलता है, उसकी जीत होनी चाहिए। नियम में जिसने भी यह धारणा दी है, वो गलत है। कहा कि एक्ट में ऐसा कोई नियम नहीं है, लेकिन नियम में यह धारणा है। उसे चुनौती दी गई है।
यदि यह धारणा गलत है तो जो चुनाव हुए हैं, उसमे जो परिणाम घोषित हुआ है, वो भी गलत है। सिंघवी ने इलेक्शन को लीगल ग्राउंड पर चैलेंज किया है।
सिंघवी और महाजन को मिले थे 34-34 वोट
दरअसल, प्रदेश में बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा के हर्ष महाजन को 34-34 वोट मिले थे। मुकाबला टॉय होने के बाद लॉटरी से हर्ष महाजन चुनाव जीत गए थे, क्योंकि पर्ची अभिषेक मनु सिंघवी की निकली थी।
इस केस में पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता पक्ष की दलीलें सुनने के बाद BJP सांसद एवं प्रतिवादी बनाए गए हर्ष महाजन को नोटिस जारी किया था। तब कोर्ट ने 9 जुलाई की सुनवाई से पहले जवाब देने के निर्देश दिए थे।
