हिमाचल प्रदेश सरकार ने राजस्व विभाग के सभी नायब तहसीलदारों, कानूनगो और पटवारियों को तत्काल प्रभाव से स्टेट केडर में शामिल करने का निर्णय लिया है। शनिवार को इस बाबत अतिरिक्त मुख्य सचिव के कार्यालय से नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। राज्य कैडर में आने के
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इससे पहले जिला कैडर में होने के कारण इनके तबादले एक जिला से बाहर नहीं हो सकते थे। प्रदेश सरकार द्वारा राजस्व विभाग के कर्मचारियों को स्टेट केडर में शामिल करने का बाद राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव या सचिव-सह-वित्त आयुक्त (राजस्व) नायब तहसीलदारों की नियुक्ति और अनुशासनात्मक प्राधिकारी होंगे। इसके अलावा पटवारियों और कानूनगो के लिए भू-अभिलेख निदेशक यह जिम्मेदारी निभाएंगे।
इस बदलाव के बाद सभी कर्मचारियों की वरिष्ठता और स्थापना संबंधी मामलों का निपटारा भू-अभिलेख निदेशक के स्तर पर होगा। सरकार ने नोटिफिकेशन में यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक भर्ती नियमों में संशोधन नहीं होता, तब तक रिक्त पदों पर भर्ती मौजूदा नियमों के अनुसार ही होगी। आज अतिरिक्त मुख्य सचिव-सह-वित्तपोषण आयुक्त (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने इस बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दी है।
फैसला सभी कर्मचारी के खिलाफ वहीं हिमाचल प्रदेश काननुगो व पटवारी संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि संघ सरकार के निर्णय का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि आज वह वर्चुअल माध्यम से सभी जिला पदाधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी इसके खिलाफ है और बैठक के बाद अगली रणनीति तय करेंगे।
वहीं प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि राजस्व कर्मियों पर अनिवार्य रूप से राज्य कैडर लागू होगा। प्रदेश सरकार ने राजस्व कर्मियों की जिला कैडर बहाल रखने की मांग खारिज कर दी है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने दोटूक कहा है कि प्रदेश के लोगों और राजस्व कर्मियों के हितों को ध्यान में रखकर ही राज्य कैडर में शामिल करने का फैसला कैबिनेट में लिया गया है।
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नोटिफिकेशन की कॉपी।