हिमाचल के पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर।
हिमाचल के पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर पेखूवेला पावर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, इस प्रोजेक्ट को बनाने वाली कंपनी ने 2 फॉरच्यूनर, 4 इनोवा गाड़ी किस-किस अधिकारी और राजन
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विक्रम ठाकुर ने कहा, टैंडर फ्लोट करने से लेकर टैंडर मैच्योर होने तक 15 से 20 बार गाइडलाइन बदली गई, ताकि कंपनी को फायदा पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा, पेखूवेला में जिस पावर प्रोजेक्ट पर 220 करोड़ रुपए खर्च किए गए, गुजरात में वह प्रोजेक्ट 144 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हो जाता है।
पूर्व मंत्री ने कहा, जब ऐसे कोई प्लांट लगता है, तो उसका टैंडर होता है। मगर पेखूवेला प्लांट की डीपीआर के लिए टैंडर नहीं किया गया। वहां पर एक नॉमिनेशन आधार पर किसी को डीपीआर बनाने का जिम्मा दिया। कंपनी ने 15 दिन में डीपीआर बना दी। इस डीपीआर को किसी भी एजेंसी से चेक नहीं कराया गया। यही से गड़बड़ शुरू हो गई।
काम पूरा किए बगैर कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिया
बिक्रम ठाकुर ने कहा, इस खेल में पावर कॉरपोरेशन के सभी अफसर और राजनीतिक लोग भी मिले हुए हैं। उन्होंने कहा, अभी तक पेखूवेला प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं हुआ। लेकिन इसका कंप्लीशन सर्टिफिकेट दे दिया गया। जब प्लांट चल पड़ता है।

देसराज की जमानत के वक्त सरकार का वकील SC में पेश नहीं हुआ: बिक्रम
पूर्व मंत्री ने कहा, चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत का कारण भी यही प्रोजेक्ट बना है। उन पर दबाव डाला गया। उन्होंने कहा, जो हाल पावर कॉरपोरेशन में बने हैं, वहीं हालात दूसरे विभागों में भी है। उन्होंने कहा, डायरेक्टर देसराज की जब सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत लगी तो सरकार की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुए। यदि देसराज अंदर हो जाता तो पूर्व एमडी हरिकेश मीणा भी अंदर होते और वह कई ओर नाम लेते।
शोंग-टोंग प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ी
बिक्रम ठाकुर ने कहा, 450 मैगावाट क्षमता के शोंग-टोंग कड़छम प्रोजेक्ट की लागत 1 हजार 724.10 करोड़ लागत आनी थी, अगस्त 2024 में इसके ऊपर 2 हजार 230 करोड़ खर्च हो चुके है और इसका काम अभी तक आधा हुआ है। सरकार को इस पर गंभीरता दिखानी चाहिए।
जब मीणा का पुतला जलाया तो कॉरपोरेशन में क्यों लगाया
पूर्व मंत्री ने कहा, जब बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने हरिकेश मीणा के पुतले जलाए थे तो उन्हें पावर कॉरपोरेशन का एमडी क्यों लगाया? ये विशेष कृपा मीणा पर क्यों की गई।