Himachal ED officials accused demanding 25 crore bribe CBI action Complaints Press conference Shimla | हिमाचल के एजुकेशन इंस्टीट्यूट संचालक बोले: ED अधिकारियों ने मांगी 25 करोड़ की घूस; भ्रष्टाचार का अड्‌डा बना दफ्तर – Shimla News

शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शिकायतकर्ता

हिमाचल में ED के शिमला स्थित कार्यालय में CBI की रेड मामले के शिकायतकर्ता एवं छात्रवृति घोटाले में नामजद संस्थानों के प्रमुख आज मीडिया के सामने आएं। शिकायतकर्ताओं ने ED अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रजनीश गुलेरिया,

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यह घूस हिमाचल के बहुचर्चित स्कॉलरशिप केस को दबाने के एवज में मांगी गई। उन्होंने कहा कि ED के शिमला कार्यालय में तैनात सहायक निदेशक विशालदीप ने सभी शिक्षण संस्थानों के मालिकों से 25 करोड़ की मांग रखी थी। जब उन्होंने इसे देने में असमर्थता जताई तो उसने सभी को अलग-अलग बुलाकर टार्चर करना शुरू किया और सभी से एक एक-एक करोड़ की मांग रखी। इनकार करने पर आरोपी धमकियां देता था। इससे मजबूर होकर उन्होंने सीबीआई को शिकायत की।

शिमला में ईडी दफ्तर में जाते हुए सीबीआई ऑफिसर (फाइल फोटो)

शिमला में ईडी दफ्तर में जाते हुए सीबीआई ऑफिसर (फाइल फोटो)

ED के शिमला कार्यालय चल रहा था गिरोह

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि शिमला के ईडी कार्यालय में अधिकारियों ने पैसों की उगाही करने के लिए गिरोह चला रखा था। इसमे सहायक निदेशक विशालदीप के अलावा उसके दफ्तर में तैनात नीरज, सुनील व चपरासी भी शामिल थे। इसके अलावा सहायक निदेशक का भाई विकासदीप शामिल था। उन्होंने कहा कि इन सब ने मिलकर ईडी कार्यालय को डकैतों का अड्डा बना दिया था।

55 लाख की हुई रिकवरी, CBI ने की तुरंत कार्रवाई

शिकायतकर्ताओं ने प्रेसवार्ता में कहा, कि ईडी अधिकारी को उन्होंने 55 लाख रुपए दिए थे, जो CBI ने रिकवर कर लिए हैं। उन्होंने CBI का धन्यवाद करते हुए कहा कि CBI ने उनकी शिकायत पर 5 मिनट में टीम का गठन कर कार्रवाई शुरू की है। कई लोगों को सलाखों के पीछे भेज भी दिया है। मगर, वह मांग करते कि इस पूरे प्रकरण के मुख्य आरोपी ईडी सहायक निदेशक को जल्दी गिरफ्तार किया जाएं। उसे सख्त से सख्त सजा दी जाएं।

शिमला स्थित ईडी दफ्तर

शिमला स्थित ईडी दफ्तर

जाने क्या है पूरा मामला

बता दें कि, CBI की टीम ने बीते दिनों शिमला में ईडी शिमला कार्यालय में रेड की थी। ईडी की टीम ने तीन दिन तक शिमला कार्यालय से दस्तावेज और फाइलें अपने कब्जे में ली। शिकायत के बाद सीबीआई ने विशालदीप को पकड़ने के लिए 22 दिसंबर को चंडीगढ़ में जाल लगाया गया। मगर वह गाड़ी समेत भागने में कामयाब रहा।

हालांकि जिस गाड़ी से विशालदीप भागा है, उसे CBI ने बरामद कर दिया है, लेकिन अधिकारी का 5 दिन बाद भी सुराग नहीं लग पाया। आरोप है कि विशालदीप ने एक केस में शिकायतकर्ता से लगभग 55 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।

एक करोड़ से ज्यादा की नकदी जब्त

CBI से जुड़े सूत्र बताते हैं कि CBI ने रिश्वत के 54 लाख रुपए सहित 1.50 करोड़ की नकदी आरोपी के अलग अलग ठिकानों से बरामद कर दी है। अब आरोपी को पकड़ने के लिए चंडीगढ़ के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा में भी उसकी तलाश की जा रही है। मगर उसका अब तक सुराग नहीं लग पाया है।

भाई की गिरफ्तारी की चर्चा

वहीं आरोपी अधिकारी के भाई की सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि अधिकारी का भाई भी रिश्वत के इस केस में संलिप्त है।

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