हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष का ऐलान एक-दो दिन में संभव है। कल यानी 30 जून को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरे जा सकते हैं। हाईकमान द्वारा हिमाचल में अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ए
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प्रदेश के चुनाव अधिकारी डॉ. राजीव भारद्वाज आज प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक नोटिस का प्रकाशन करेंगे। इसके बाद आधिकारिक तौर पर अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम सामने आएगा। अब तक अध्यक्ष के चुनाव का आधिकारिक कार्यक्रम नहीं दिया।
फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष की रेस में आठ नाम है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल और कांगड़ा-चंबा से सांसद राजीव भारद्वाज में से किसी एक के अध्यक्ष बनने की प्रबल संभावनाएं है।

सूत्र बताते हैं कि राजीव बिंदल के नाम का समर्थन जेपी नड्डा, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर ने किया है।
वहीं राजीव भारद्वाज का नाम पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आगे किया है। राजीव भारद्वाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी गुड बुक्स में है। जेपी नड्डा, प्रेम कुमार धूमल की राय भी उनके खिलाफ नहीं है।
इनके अलावा राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार, इंदू गोस्वामी, विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर, त्रिलोक जम्वाल, विपिन सिंह परमार, सत्तपाल सत्ती का नाम भी चर्चा में रहा है।
नेताओं की दावेदारी क्यों और वजह?
- राजीव बिंदल वर्तमान में BJP के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह तेज-तर्रार नेता हैं। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ जगत प्रकाश नड्डा का भी आशीर्वाद है। मगर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ कुछ समय से अंदरखाते अनबन चल रही है। सूत्र बताते हैं कि जयराम ठाकुर, उन्हें अध्यक्ष के तौर पर नहीं देखना चाहते।
- राजीव भारद्वाज अभी कांगड़ा-चंबा सीट से लोकसभा सांसद हैं। वह कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। उनको अध्यक्ष बनाकर बीजेपी सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिला को साधना चाहेगी। उनके अध्यक्ष बनने से आगामी विधानसभा चुनाव में वह पूरे प्रदेश में पार्टी को लीड कर पाएंगे। उन्होंने संगठन में विभिन्न पदों पर काम किया है और RSS से जुड़े नेता है।
- डॉ. सिकंदर अभी राज्यसभा सांसद हैं। अनुसूचित जाति वोट साधने के लिए पार्टी उन्हें भी अध्यक्ष बना सकती है। वह हमीरपुर जिला से संबंध रखते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के सामने चुनौती के लिए सिकंदर के भी अध्यक्ष बनने की चर्चाएं है। उनका नाम भी पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने आगे किया है।
- इंदू गोस्वामी वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। उनका कार्यकाल अगले साल मार्च में पूरा हो रहा है। वह प्रधानमंत्री मोदी की करीबी रही हैं। प्रदेश में 1998 में जब नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रभारी पर काम करते थे तो उस दौरान इंदू गोस्वामी ने मोदी की टीम में काम किया है। सूत्र बताते हैं कि यदि किसी अन्य नाम पर सहमति नहीं बनी तो BJP महिला अध्यक्ष बना सकती है। ऐसे में इंदू गोस्वामी को कप्तान बनाया जा सकता है।
- विपिन सिंह परमार वर्तमान में विधायक हैं। वह कांगड़ा जिला से संबंध रखते हैं। इसलिए उनके भी अध्यक्ष बनने की चर्चाएं रही हैं। परमार को सरकार और संगठन दोनों का अनुभव है। पूर्व सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री और विधानसभा स्पीकर रह चुके हैं। उन्होंने संगठन में भी विभिन्न पदों पर काम किया है।
- सत्तपाल सत्ती पूर्व में भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। उनका अध्यक्ष के तौर पर हिमाचल का सबसे लंबा 9 साल का कार्यकाल रहा है। वर्तमान में वह विधायक भी है। उनका नाम अनुभव की वजह से चर्चा में आया है। वह अपने आक्रामक अंदाज के लिए जाने जाते हैं।
- बिक्रम ठाकुर पूर्व सरकार में मंत्री और वर्तमान में विधायक हैं। कांगड़ा जिला साधने के लिए पार्टी उन्हें भी कमान दे सकती है। विक्रम ठाकुर को दबंग नेता माना जाता है और वह कांग्रेस सरकार पर आक्रामक ढंग से जुबानी हमला करते रहते हैं।
- त्रिलोक जम्वाल वर्तमान में विधायक हैं। उन्हें हिमाचल में जेपी नड्डा का सबसे करीबी माना जाता है। उनकी ताजपोशी नड्डा के इशारे पर निर्भर करेगी। नड्डा की वजह से ही त्रिलोक जम्वाल का नाम अध्यक्ष पद की रेस में ज्यादा चर्चा में है।

भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल
6 महीने से लटका था अध्यक्ष का ऐलान
हिमाचल में BJP को 25 दिसंबर तक नया अध्यक्ष तय करना था। मगर गुटबाजी की वजह से काफी समय तक ऐलान लटका रहा। हालांकि बीजेपी ने प्रदेशभर में 18 लाख से ज्यादा नए सदस्य, जिला और ब्लाक कमेटी का गठन बीते साल दिसंबर में ही कर दिया था। मगर अध्यक्ष पर फैसला नहीं हो पा रहा था। अब जाकर हाईकमान ने नाम तय कर दिया है। 2027 के चुनाव से पहले किसे कमान मिलती है। एक दो दिन में यह तय हो जाएगा।
आमतौर पर BJP में अध्यक्ष पद हाईकमान तय करता है। फिर भी यदि वोटिंग की नौबत आई तो 200 से ज्यादा डेलिगेट्स नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे।