Himachal Assembly Speakers Kuldeep Pathania advice former CM Jairam | हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष का पूर्व CM जयराम को नसीहत: बोले- BJP विधायकों ने की नियमों की अवहेलना, मुख्यमंत्री सुक्खू ने गारंटियों को पूरा किया – Dehra News

ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न से मुलकात करते विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया

हिमाचल प्रदेश की तपोवन विधानसभा आगामी शीतकालीन सत्र के लिए तैयार है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानियां ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि सदन में उठाए जाने वाले हर सवाल का जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास और जनहित से जुड़े मुद्दों को

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कुलदीप पठानियां ने कहा कि विधानसभा संचालन पूरी तरह से संविधान, नियम और कानून के दायरे में होता है। उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि जो भी सवाल उठाए जा रहे हैं, उन्हें तथ्यों के साथ पेश किया जाए।

नेता प्रतिपक्ष पर तीखा पलटवार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बयानों पर पलटवार करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “जयराम ठाकुर कानून के विद्यार्थी नहीं रहे हैं, लेकिन उन्हें विधानसभा के नियमों और प्रक्रियाओं का अध्ययन जरूर करना चाहिए।” उन्होंने विपक्ष के व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी विधायकों ने सदन में जो घटनाएं कीं, वे रिकॉर्ड में दर्ज हैं। 9 विधायकों का अध्यक्ष के आसन तक पहुंचना नियमों की अवहेलना थी।

सरकार की उपलब्धियों का बखान अपने 2 साल के कार्यकाल को लेकर आश्वस्त नजर आए पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनकी सरकार ने कठिन चुनौतियों के बावजूद गारंटियों को पूरा किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक योजनाओं में प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर इतिहास रच दिया है और सरकार के पास अभी 3 साल का कार्यकाल बाकी है। उन्होंने विपक्ष को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी।

शीतकालीन सत्र में 200 सवालों की गूंज तपोवन विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 से 21 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान 200 से अधिक सवाल सदन में उठने की संभावना है। यह 14वीं विधानसभा का सातवां सत्र होगा। अध्यक्ष ने कहा कि सभी सवालों को सूचीबद्ध किया जाएगा और व्यापक चर्चा होगी।

तपोवन विधानसभा सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप ज्वालामुखी में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में रुके। यहां उन्होंने कांग्रेस विधायक संजय रत्न से मुलाकात की और विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इसके बाद वे तपोवन विधानसभा के निरीक्षण के लिए रवाना हुए।

इस शीतकालीन सत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस होने की संभावना है। विधानसभा अध्यक्ष के बयान ने जहां विपक्ष के तेवरों को शांत करने की कोशिश की है, वहीं सत्र में सरकार की योजनाओं और नीतियों पर भी चर्चा का मंच तैयार किया है।

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