High Court imposed a fine of Rs 1 lakh on the government-CS summoned | हाईकोर्ट ने सरकार पर लगाया 1 लाख का जुर्माना-सीएस तलब: अदालती आदेश की 9 साल में नहीं हुई पालना, सुनवाई के दौरान सरकारी वकील भी नहीं था मौजूद – Jaipur News


सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए करीब 9 साल पहले दिए गए हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों की पूरी तरह से पालना नहीं होने और सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से वकील और किसी अन्य प्रतिनिधि के उपस्थित नहीं होने से हाई कोर्ट नाराज हो गया।

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जस्टिस अशोक कुमार जैन की अदालत ने सरकार के इस रवैए से नाराज होते हुए सरकार पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया। वहीं स्पष्टीकरण देने के लिए 27 नवम्बर को मुख्य सचिव सुधांश पंत को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया हैं।

कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए है कि एक लाख रुपए का हर्जाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करवाएं।

सरकार गंभीर मुद्दों का समाधान खोजने में विफल हाई कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि लगता है सरकार सड़क दुर्घटना जैसे गंभीर मुद्दों का समाधान खोजने में विफल रही है, लेकिन ऐसे में सरकार पर हर्जाना लगाकर सुनवाई टालना उचित होगा।

जस्टिस अशोक कुमार जैन ने भरपाई व अन्य की 21 साल से लंबित अपील पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि 7 मई 2015 को जयपुर में फ्लाई ओवर एवं सड़कों को चौड़ा करवाने, मुख्य चौराहों एवं तिराहों के विकास, चारदीवारी क्षेत्र में पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में सुधार व पार्किंग पर पाबंदी, सड़कों से अतिक्रमण हटाने और प्रदूषण रोकने के प्रभावी कदम उठाने जैसे 25 बिन्दुओं को लेकर विस्तृत दिशा निर्देश दिए।

कोर्ट ने इन निर्देशों की ओर सरकार का ध्यान दिलाते हुए कहा कि इस मामले में कोर्ट के निर्देश पर मई 2015 से लेकर सितम्बर 2022 तक महाधिवक्ता पैरवी के लिए हाजिर होते रहे। लेकिन फरवरी 2024 में कोई हाजिर नहीं हुआ और मार्च में फिर महाधिवक्ता हाजिर हुए। इसके बाद दो तारीखों पर अतिरिक्त महाधिवक्ता भरत व्यास पैरवी के लिए मौजूद रहे, लेकिन अब फिर से कोई नहीं आया। कोर्ट ने इन स्थितियों का हवाला देकर कहा कि कोर्ट के 9 साल पुराने निर्देशों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जो गंभीर है। इस मामले में राज्य सरकार की लापरवाही पर जवाब देने के लिए सीएस को बुलाया जाना जरूरी है।

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