पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व प्रधान विकास मलिक का लाइसेंस रद्द। वह अब कहीं पर नहीं कर पाएंगे वकालत।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष विकास मलिक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब बार काउंसिल ने उनका लाइसेंस भी रद्द कर दिया है। इसके बाद वे कहीं भी वकालत नहीं कर सकेंगे। वे इसके खिलाफ बार काउंसिल ऑफ इंडिया में अपील कर सकते हैं। ह
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वकील अंजलि कक्कड़ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बार काउंसिल को फंड घोटाले के साथ-साथ महिला वकीलों की शिकायतों पर भी सुनवाई करने का आदेश दिया था। अगर विकास मलिक सहयोग नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ भी आदेश जारी किया जाए।
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद ही बार काउंसिल ने यह फैसला सुनाया है। हाल ही में विकास मलिक के खिलाफ एक वकील से मारपीट का मामला भी दर्ज हुआ था। उस मामले में हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर को खुद मामले की जांच करने के आदेश दिए थे।
यह था पूरा मामला
पीड़ित एडवोकेट रणजीत सिंह ने आरोप लगाया कि वह बार काउंसिल के प्रधान विकास मलिक को उनके दफ्तर में एक दस्ती समन देने गए थे। क्योंकि वह उनके साथ एक केस लड़ रहे हैं। इस पर उन्होंने अपने 7-8 साथियों के साथ मिलकर मारपीट शुरू कर दी।
मारपीट में वह घायल हो गए थे। घायल होने के बाद उन्हें सेक्टर-16 के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया था। सेक्टर 16 से सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी और अस्पताल से ही उनके बयान दर्ज कर लिए थे। उनके बयानों के आधार पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।