बैले नृत्य नाटिका में गंगा और शिव संवाद के प्रसंग मंचन का दृश्य
ड्रीमगर्ल हेमामालिनी को मेरठ वासियों ने जब पुण्य सलिला मां गंगा के रूप में देखा तो मंत्रमुग्ध हो गए। दर्शक दीर्घा में बैठे सैकड़ों हाथों ने नमन कर मां गंगा को प्रणाम किया। तालियों की गड़गड़ाहट से प्रांगण गूंज उठा। मैं पुण्य सलिल हूं गंगा, मैं मोक्षदायि
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मशहूर पार्श्व गायिका कविता कृष्णमूर्ति की आवाज में पगी इन पंक्तियों पर नृत्य करते हुए हेमामालिनी ने सभी को नयनाभिराम कर दिया। प्रस्तुति के साथ मां गंगा की कथा शनै: शनै: आकार पाती चली गई। दर्शक गंगा की लहरों में डूबते, उतरते चले गए। संगीत सम्राट स्व. रविंद्र जैन के संगीतबद्ध गीतों को सुरेश वाडेकर, शंकर महादेवन और अंत में मीका सिंह की आवाज में पिरोया गया। मंच पर एक एक कर गंगा के जीवन का हर दृश्य अंकित होता गया। अंत में हेमामालिनी ने मेरठवासियों से संकल्प लिया कि सभी मिलकर गंगा को स्वच्छ, निर्मल, धवल रखें। उसकी पुण्यता को बरकरार रखेंगे। क्रांतिधरा वासियों ने भी वादा किया कि इस संकल्प के प्रति वो कटिबद्ध हैं।
हेमामालनी की प्रस्तुति की ये तस्वीरें देखिए..
गंगा के अवतरण पर प्रस्तुति देती अभिनेत्री
गंगावतरण की नृत्य नाटिका का मंचन करती अभिनेत्री
गंगा की वेशभूषा में हेमामालिनी
कलयुग के दृश्य का एक मंचन
गंगा की वेशभूषा में हेमामालिनी
गंगा और शिव के संवाद का एक दृश्य
भगवान शिवशंकर की भी हुई प्रस्तुति
महोत्सव में दिन में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी पहुंची