एचईसी सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। इस दौर में भी प्रबंधन और कामगार मिलजुल कर उत्पादन कर रहे हैं, ताकि कंपनी सुचारू रूप से चल सके। बैठक में यह कहते हुए हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन (इंटक) के महामंत्री लीलाधर सिंह ने कहा कि बिना कामगार और प्रबंधन के
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उन्होंने कहा कि पं. नेहरू के सपनों को साकार रूप देने वाला एचईसी वर्तमान भारत सरकार के सौतेलेपन का शिकार हो गया है। मात्र 250 रुपए की आर्थिक सहायता से चलने लगती, लेकिन सरकार नहीं देना चाह रही। लीलाधर ने कहा कि एचईसी कामगार और प्रबंधन के सामंजस्य से बिना भारत सरकार के आर्थिक सहयोग के भी चलेगा।
उन्होंने एचईसी प्रबंधन से मांग की कि ईद व सरहुल जैसे त्योहारों से पहले कर्मचारियों का वेतन मिले। ठेका कामगार के लिए ईएसआई स्कीम चालू हो, सेवानिवृत्त ठेका कामगार अगर आवंटित क्वार्टर जमा करना चाहें तो उसे नगर प्रशासन जमा कर ले। पर्सनल लोन लेने वाले कर्मचारियों को बैंक से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जीवन यापन के लिए वेतन के आधे रुपए मिलना चाहिए। बैठक में भोला साव, दिलीप कुमार, धनन्जय श्रीवास्तव, राजेन्द्र कांत महतो, राममोहन बैठा, जगन्नाथ राम, सुधीर कुमार मिश्रा, रमेश चन्द्र पांडेय, जयवीर झा व अन्य थे।