झांसी समेत पूरे बुंदेलखंड में जोरदार बारिश हो रही है। इससे यहां के 23 बांध लबालब भर गए हैं। करीब 15 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि सावन की बारिश में ही ये बांध ओवरफ्लो हो गए। हर साल पूरी बारिश निकल जाने के बाद सपरार एवं खपरार जैसे बांध सूखे ही पड़े रह
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बुंदेलखंड में 34 बांध हैं

ये तस्वीर सुकुवां ढुकवां डैम की है।
पठारी इलाका होने के कारण करोड़ों लोगों की आबादी और खेतों की प्यास बांधों से ही बुझती है। इसके लिए झांसी में 13, ललितपुर में 14 समेत बुंदेलखंड में 34 छोटे-बड़े बांध हैं। सबसे बड़े राजघाट, माताटीला, शहजाद, रोहिणी, उटारी, सुकुवां-ढुकुवां, पारीछा, पहूज, बड़वार, डोंगरी, खपरार, सपरार, पहाड़ी बांध झांसी मंडल में ही स्थित हैं।
छोटी नदियों पर बने बांध नहीं भर पाते
सिंचाई विभाग के अफसरों का कहना है कि पिछले कई साल से कम बारिश होने से अधिकांश बांध पूरे नहीं भर पाते थे। बेतवा नदी में बने होने से राजघाट, माताटीला, पारीछा समेत अन्य बांध सितंबर महीने तक भर पाते थे। खपरार एवं सपरार जैसी छोटी नदियों पर बने बांध पूरे मानसूनी सीजन में भर नहीं पाते थे। इस वजह से मऊरानीपुर समेत आसपास के इलाकों में पानी की किल्लत होती थी।
इस दफा जून के बाद से शुरू हुई बारिश ने अधिकांश बांधों को अभी से लबालब कर दिया है। एक्सईएन पंकज सिंह ने बताया कि ललितपुर के चार, झांसी के नौ, छतरपुर के दो, पन्ना का एक समेत चित्रकूट एवं महोबा के सात बांध अब तक अपने निर्धारित क्षमता के मुताबिक भरे जा चुके हैं।
प्रमुख बांधों का जलस्तर
बांध जल स्तर (मिलियन घन मीटर में) जल प्रतिशत
गोविंद सागर 84.720 87.48
शहजाद 103.920 90.85
रोहिणी 8.210 67.60
माताटीला 431.070 67.24
ढुकुवां 41.342 71.56
पारीछा 11.808 69.72
बड़वार 26.674 78.96
डोंगरी 13.267 100
खपरार 5.122 100
सपरार 69.376 91.28
लहचूरा 15.900 100
बरियापुर 24.56 77.29