हेल्थ सर्विस चंडीगढ़ की डायरेक्टर डॉ. सुमन सिंह।
आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत अब तक चंडीगढ़ के 8.5 लाख से अधिक लोगों ने आभा आईडी बनवा ली है। यह आईडी न केवल मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री को रिकॉर्ड करती है, बल्कि इलाज में तेजी लाने और आपात स्थिति में मददगार साबित होती है। इसके लिए स्वास्थ्य वि
.
आभा आईडी (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) 14 अंकों की एक डिजिटल पहचान है, जिसमें मरीज की मेडिकल फाइल, इलाज इतिहास, टैस्ट रिपोर्ट और मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन डिजिटल रूप से सुरक्षित रहता है। इस सुविधा के चलते अस्पतालों की एमरजेंसी सेवाओं में तीमारदारों को मरीज की मेडिकल हिस्ट्री लेकर आने की जरूरत नहीं होती।
डॉक्टर के अनुसार आभा कार्ड से कई फायदे मिलते हैं और मरीज की जांच हिसट्री तुरंत पता चल जाती है।
हेल्थ कार्ड से मिलेगी त्वरित सेवाएं
डायरेक्टर हेल्थ सर्विस डॉक्टर सुमन सिंह के मुताबिक, आभा आईडी से मरीजों को सरकारी और निजी दोनों सुविधाओं में लाभ मिल रहा है। अस्पतालों में डॉक्टर केवल एक क्लिक पर मरीज की पूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इससे इलाज शुरू होने में लगने वाला समय कम हो जाता है। आभा आईडी का उपयोग सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी ओपीडी सेवाओं में भी हो रहा है।
डिजिटल लॉकर की तरह काम करता है आभा कार्ड
यह कार्ड डिजिटल लॉकर की तरह काम करता है, जिसमें इलाज, डायग्नोस्टिक टैस्ट और मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन की पूरी जानकारी रिकॉर्ड रहती है। अस्पताल जाने पर आभा नंबर देने से डॉक्टर को मरीज का पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध हो जाता है। इससे लंबी लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ती और मरीज ऑनलाइन अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं।
हर महीने जागरूकता कैंप
डॉ. सुमन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग हर महीने 27 से 28 जागरूकता कैंप लगाकर लोगों को आभा आईडी बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और सभी उम्र के लोग इसे बनवा सकते हैं। पंजीकरण के लिए आधार और मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है। प्रक्रिया समझने में असमर्थ लोगों को स्वास्थ्य सुविधा केंद्र पर मदद दी जा रही है।