ढाका5 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
शेख हसीना ने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। देश छोड़ना भारत आ गई थीं।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को देश छोड़ने के बाद पहली बार बयान जारी किया। उन्होंने कहा, ‘जिन बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में देश ने आजादी हासिल की थी, उनका अपमान किया गया है।’
‘उन्होंने (प्रदर्शनकारियों) मेरे पिता का अपमान किया है, मैं देश वासियों से न्याय की मांग करती हूं।’ शेख हसीना 5 अगस्त को देश छोड़ कर भारत आई थीं, तब से वे यहां हैं। शेख हसीना का यह बयान बेटे सजीब वाजेद के हवाले से सामने आया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
शेख हसीना ने बांग्लादेशी नागरिकों से 15 अगस्त अपने पिता शेख मुजीबुर्रहमान की बर्षी पर शोक मानने का आग्रह किया। 15 अगस्त 1975 को मुजीबुर्रहमान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दूसरी तरफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 15 अगस्त की छुट्टी को कैंसिल कर दी है।
प्रदर्शन में मारे गए लोगों को हसीना ने दी श्रद्धांजलि
हसीना ने बयान में कहा कि “जुलाई से अब तक, आंदोलन के नाम पर बर्बरता, आगजनी और हिंसा में कई जाने गई हैं। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं और उनके प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जो मेरी तरह अपने प्रियजनों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं।”
प्रदर्शनों में कई छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, पत्रकारों, अवामी लीग के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। हसीना ने कहा कि “मैं मांग करती हूं कि इन हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों को सख्त सजा दी जाए।”
बांग्लादेश में 5 जून के बाद से आरक्षण के विरोध में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे
सेना की बैरिकों में रह रहे अवामी लीग के नेता
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर उज-जमान ने मंगलवार को कहा कि सेना ने अवामी लीग सरकार के कुछ बड़े नेताओं को शरण दी है। उन्होंने बताया कि इनकी जान को खतरा है।
सेना प्रमुख ने कहा, “अगर किसी को अपनी जान का खतरा महसूस होता है, तो हम निश्चित रूप से उन्हें शरण देते हैं, चाहे उनकी जाति और धर्म कुछ भी हो। अगर उनके खिलाफ कोई आरोप या मामला है तो उन पर निश्चित रूप से मुकदमा दर्ज किया जाएगा, लेकिन हम उन पर हमला या एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल कार्रवाई नहीं चाहते।”
सेना प्रमुख ने दावा किया कि उन पर बाहरी दुनिया का कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर कुछ बातचीत हो रही है। हम नहीं चाहते कि अब एक भी घटना हो। हम इस पर नजर रख रहे हैं और अपराधियों को सजा दिलवाएंगे।
सेना प्रमुख जनरल वाकर उज-जमान ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता जताई। -फाइल फोटो
इस्तीफा देकर भारत आ गईं थी शेख हसीना
बांग्लादेश में 2 महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 5 अगस्त को पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने देश छोड़ दिया और ढाका से अगरतला के रास्ते भारत पहुंचीं थीं। उनका C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शाम 6 बजे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस लैंड हुआ था।
उनके यहां से लंदन या किसी दूसरे देश जाने की खबर थी। हालांकि ब्रिटेन और किसी अन्य देश की तरफ से परमिशन नहीं मिलने के कारण हसीना फिलहाल भारत में रह रही हैं। एयरबेस पर पहुंचने के बाद शेख हसीना ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से करीब एक घंटे तक बातचीत की थी।
हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में अंतिरम सरकार का गठन किया गया है। अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर के तौर पर नोबेल मोहम्मद यूनुस को नियुक्त किया गया है।
ये खबर भी पढ़ें…
बांग्लादेश से भागीं शेख हसीना अभी भारत में ही रहेंगी:दावा- अमेरिकी वीजा रद्द, ब्रिटेन में पनाह की उम्मीद नहीं; सेफ हाउस भेजी गईं
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना कुछ दिनों तक भारत में ही रह सकती हैं। उनकी ब्रिटेन में पनाह मिलने की उम्मीद टूटती दिख रही हैं। वहां की सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि ब्रिटेन पहुंचने पर उनके खिलाफ बांग्लादेश के प्रदर्शनों के चलते कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक फिलहाल शेख हसीना को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा रद्द कर दिया है।
दूसरी तरफ बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद भंग कर दी है। देश की पूर्व PM खालिदा जिया को भी रिहा कर दिया गया है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मंगलवार दोपहर 3 बजे तक संसद भंग करने का अल्टीमेटम दिया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…