पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर 10 महीने से किसान आंदोलन चल रहा है। यहां पर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल मरणव्रत पर बैठे हुए हैं।
फसलों की MSP की लीगल गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान कड़ाके की सर्दी के बीच डटे हुए हैं। किसानों को दोनों मोर्चों पर बैठे 10 महीने से ज्यादा समय हो गया है। इस बीच आज फैसला होगा कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM)
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इसकी रणनीति तैयार करने को लेकर SKM और SKM गैर राजनीतिक के बीच एक हफ्ते में दूसरी बार मीटिंग चंडीगढ़ में होने जा रही है। हालांकि, 18 दिसंबर को चंडीगढ़ में हुई SKM की मीटिंग में फैसला लिया गया था कि मोर्चा सीधा इस आंदोलन में शामिल नहीं होगा।
दूसरी तरफ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के मरणव्रत को 29 दिन हो गए हैं। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। आज शाम साढ़े 5 बजे उनके अनशन के समर्थन में पंजाब को छोड़कर पूरे देश में कैंडल मार्च निकाला जाएगा।

मरणव्रत की वजह से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत काफी नाजुक है। वह अब स्टेज पर नहीं जा रहे हैं। वह अपनी ट्रॉली में ही आराम कर रहे हैं।
26 को बनेगी पंजाब बंद की रणनीति SKM गैर राजनीतिक के नेता सरवण सिंह पंधेर ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद का ऐलान किया हुआ है। इसे लेकर 26 दिसंबर को खनौरी में सभी ट्रेड यूनियन, सामाजिक संगठनों, धार्मिक संगठनों, टैक्सी यूनियनों की मीटिंग बुलाई गई है। किसान नेताओं ने बताया है कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद के दौरान मेडिकल और इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी चीजें सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक बंद रहेंगी।
डल्लेवाल की सुप्रीम कोर्ट में पेश की रिपोर्ट पर विवाद सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की तरफ से डल्लेवाल की पेश की गई मेडिकल रिपोर्ट पर बवाल हो गया है। पंजाबी मूल के अमेरिकी डॉक्टर स्वैमान सिंह ने रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उनसे जुड़ी टीम ही डल्लेवाल की देखरेख कर रही है।
डॉ. स्वैमान सिंह ने कहा,
डल्लेवाल को इन्फेक्शन का भी खतरा है। जिस वजह से वह रविवार पूरा दिन आंदोलन के मंच पर भी नहीं आए। इतने दिन तक कुछ नहीं खाया है तो उनकी हालत सामान्य नहीं हो सकती। इतना कुछ होने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि डल्लेवाल की तबीयत नॉर्मल है। डल्लेवाल की जिंदगी के साथ राजनीति की जा रही है।


सुप्रीम कोर्ट कह चुका- अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं करते डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 17, 18 और 19 दिसंबर को सुनवाई हुई। पहले दिन की सुनवाई में पंजाब सरकार ने कहा था कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए।
अगले दिन 18 दिसंबर को पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं?
वहीं, तीसरे दिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिर स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है।
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हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 23 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (70) को मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा है। डल्लेवाल पहले से ही कैंसर के मरीज हैं। अनशन से उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो रहा है, जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है। पूरी खबर पढ़ें…
