Haryana Nuh Villagers Mewat Day celebrated update | नूंह में ग्रामीणों ने मनाया मेवात दिवस: इनेलो नेता ताहिर हुसैन एडवोकेट रहे शामिल, गांधी पार्क में पहुंचकर दी श्रद्धांजलि – Nuh News

गांधीग्राम घासेड़ा में मेवात दिवस मनाते हुए इनेलो नेता ताहिर हुसैन एडवोकेट व अन्य।

हरियाणा के नूंह जिले के ऐतिहासिक गांव गांधी ग्राम घासेड़ा में शहीद हसन खाँ मेवाती स्मारक समिति सदस्य आस मोहम्मद पहलवान व समस्त ग्रामवासियों द्वारा मेवात दिवस समारोह मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि इनेलो नेता चौधरी ताहिर हुसैन एडवोकेट रहे तथा समारोह की

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समारोह के समापन के बाद चौधरी ताहिर हुसैन व अन्य सभी ने गांधीग्राम घासेड़ा में स्थित गांधी पार्क पर पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति पर माला पहनाकर उन्हें ख़िराज-ए-अकीदत (श्रद्धांजलि) पेश की।

गांव गांधीग्राम घासेड़ा आए थे महात्मा गांधी

चौधरी ताहिर हुसैन ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए सभी मेवात वासियों को मेवाती-दिवस का मुबारकबाद व बधाई दी। उन्होंने कहा कि बंटवारे के समय आज ही के दिन 19 दिसंबर, 1947 को बाबा-ए-कौम मरहूम चौधरी मोहम्मद यासीन खां व अन्य मेवात के प्रमुख लोगों के आह्वान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ऐतिहासिक गांव गांधीग्राम घासेड़ा आए थे।

कार्यक्रम में मौजूद मुख्यअतिथि व अन्य।

कार्यक्रम में मौजूद मुख्यअतिथि व अन्य।

मेवात हिंदुस्तान की रीढ़

उन्होंने मेवातियों को पाकिस्तान जाने से रोकने की अपील करते हुए कहा था कि यह देश आप लोगों का है। आपके अधिकारों को कोई नहीं छीन सकता। आपको पूरा मान-सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा था कि मेवात हिंदुस्तान की रीढ़ हैं। हिंदुस्तान पर जितना हक़ औरों का है, उतना आप लोगों का भी है। उनके आह्वान पर मेवातियों ने अपने देश हिंदुस्तान को चुना था। पाकिस्तान ना जाने का फैसला किया और हिंदुस्तान अपनी मातृ भूमि को ही अपना देश माना था।

देश की आजादी के लिए दी कुर्बानियां

हुसैन ने कहा कि देश को जब-जब भी कुर्बानियों की जरूरत पड़ी, तो हर मेवाती ने देश की आजादी के लिए समय-समय पर बढ़ चढ़कर कुर्बानियां दी हैं। ये शहीदों की धरती है। आज भी रूपड़ाका, शाहपुर नंगली, फिरोजपुर झिरका, बड़कली चौक आदि दर्जनभर जगहों पर शहीदों की याद में “शहीद स्मारक” बने हुए हुए हैं, जो हमेशा शहीदों की याद दिलाते रहेंगे।

युवाओं को पढ़ना चाहिए इतिहास

उन्होंने लोगों से खासतौर पर नौजवान साथियों से अपील करते हुए कहा कि हमें इतिहास को पढ़ना चाहिए कि हमारे पूर्वजों ने देश के लिए कैसी-कैसी कुर्बानियां दी हैं। उनके पद चिन्हों और उनके द्वारा दिखाए हुए रास्ते पर चल कर ही हम उन्हें ख़िराज-ए-अकीदत पेश कर सकते हैं। हमें अपने पूर्वजों की तरह ही अपने अंदर देशभक्ति की भावना को पैदा करना है।

ये रहे शामिल

इस अवसर पर हिदायत कमांडो, हाजी धूंदी, हाजी शौकत, भब्बल कुरेशी, नौमान, अंसार कुरेशी, आजाद, अरसद बाझड़का, ईसब सलंबा, अब्दुल रहमान सलंबा, नसीमा, शबनम, रिजवान, वसीम आदि के अलावा सैंकडों गणमान्य मौजूद रहे।

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