haryana-new-district-23rd-announcement-2025-gohana-hansi-dabwali | हरियाणा दिवस पर मिल सकता है नया जिला: गोहाना-हांसी व डबवाली का दावा, 10 का प्रस्ताव आया; जनगणना के बाद परिसीमन – Haryana News

हरियाणा सीएम नायब सैनी और मंत्री कृष्ण लाल पंवार।

हरियाणा को जल्द ही नया जिला मिल सकता है। इसके लिए तीन दावे मजबूत हैं। सरकार भी 1 नवंबर 2025 को हरियाणा दिवस पर 23वां जिले की घोषणा करने की तैयारी में है। अभी तक सरकार के पास 10 नए जिले बनाने का प्रस्ताव आ चुका है। इनमें असंध, नारायणगढ़, मानेसर, पिहोव

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हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के सूत्रों का कहना है कि सबसे पहले गोहाना, हांसी और डबवाली में से किसी एक को जिला बनाने की घोषणा होगी। बाकी के लिए जनगणना के बाद फैसला लिया जाएगा। गोहाना अभी सोनीपत जिले में है। गोहाना को जिला बनाने पर सोनीपत, रोहतक और जींद की भौगोलिक स्थिति पर असर पड़ेगा। हांसी अभी हिसार जिले का हिस्सा है।

वहीं, डबवाली अभी सिरसा जिले में है। डबवाली पंजाब की सीमा को छूता है। डबवाली को पहले ही पुलिस जिला बनाया जा चुका है। आखिरी बार साल 2016 में दादरी को जिला बनाया गया था। पहले दादरी भिवानी जिले का हिस्सा था।

नए जिले के लिए 4 लाख आबादी जरूरी अब तक पुनर्गठन उप-समिति को 73 प्रस्ताव मिले हैं। इनमें 10 नए जिले, 14 उपमंडल, 4 तहसील और 27 उप-तहसील बनाने के प्रस्ताव हैं। नए जिले के लिए 125 से 200 गांव, 4 लाख से अधिक आबादी और 80 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल होना जरूरी है।समिति ने बैठक कर उपमंडल, तहसील और उप-तहसील बनाने के लिए भी अलग-अलग मानदंड तय किए हैं। बैठक में लिए गए निर्णय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे।

कैबिनेट सब-कमेटी की 5 बैठक हो चुकीं प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन को लेकर पिछले दिनों कैबिनेट सब कमेटी बैठक हुई थी। इसकी अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने की थी। मंत्री ने कहा था कि सरकार जनता व जनप्रतिनिधियों की मांगों के अनुसार प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन करने को प्रतिबद्ध है। कैबिनेट सब कमेटी की इस 5वीं बैठक में बतौर सदस्य शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा व कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा भी मौजूद रहे थे।

यहां पढ़िए.. कब-कब जिले बने 1 नवंबर 1966 को हरियाणा अलग प्रदेश बना। तब 7 जिले थे। इनमें अंबाला, जींद, हिसार, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, करनाल व रोहतक शामिल थे। 1972 में भिवानी व सोनीपत, 1973 में कुरुक्षेत्र, 1975 में सिरसा, 1979 में फरीदाबाद, 1989 में यमुनानगर, कैथल, रेवाड़ी, पानीपत जिले बनें।1995 में पंचकूला, 1996 में फतेहाबाद, 1997 में झज्जर, 2005 में नूंह, 2008 में पलवल, 2016 में चरखी दादरी को जिला बनाया गया।

विधानसभा व लोकसभा सीटों का परिसीमन होगा हरियाणा में विधानसभा व लोकसभा सीटों का भी परिसीमन होना है। यह संभवत जनगणना का कार्य पूरा होने के बाद होगा। अभी प्रदेश में 90 विधानसभा हलके हैं और लोकसभा की 10 सीटें हैं। अनुमान है कि परिसीमन के बाद विधानसभा सीटों की संख्या 126 तक पहुंच सकती है, जबकि लोकसभा सीटें 14 हो सकती हैं। इससे पहले हरियाणा में साल 2007 में विधानसभा हलकों का परिसीमन हुआ था। तब विधानसभा सीटों की संख्या तो नहीं बढ़ी थी, लेकिन मर्जर के बाद कई हलके खत्म करने कुछ नए बनाए गए थे।

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