Haryana Lok Sabha Election BJP Result Analysis Former CM Manohar Lal Khattar CM Nayab Saini | हरियाणा में BJP ने CM बदलकर क्या सेल्फ गोल किया: 5 सीटें हारी, वोट शेयर 11% गिरा; विधानसभा चुनाव से पहले 5 फैक्टर ने टेंशन में डाला – Haryana News

हरियाणा में भाजपा को इस लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान हुआ है। 2019 के मुकाबले भाजपा के वोट शेयर में करीब 11% की गिरावट आई है। चुनाव का केंद्र बिंदु रहे पूर्व CM मनोहर लाल खट्‌टर और मुख्यमंत्री नायब सैनी की जोड़ी भी पार्टी को नुकसान होने से बचा नहीं पाई

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लोकसभा चुनाव का रिजल्ट घोषित होने के बाद चर्चा है कि चुनाव की घोषणा से ठीक पहले राज्य का मुख्यमंत्री बदलना पार्टी के लिए ‘सेल्फ गोल’ साबित हुआ है। सियासत के जानकार इसे भाजपा के लिए अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने के रूप में देख रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में 5 ऐसे फैक्टर हैं, जो भाजपा के लिए चिंताजनक हैं। अहम बात यह है कि हरियाणा में इसी साल सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन नतीजों का सीधा असर विधानसभा पर होने वाला है। CM सैनी के पास इस नैरेटिव को बदलने के लिए केवल 3 महीने ही बचे हैं।

यहां देखिए भाजपा का वोट शेयर
हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि, 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।

वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है।

अब यहां पढ़िए नतीजों में छिपे 5 संकेत…

5 साल में कैडर वोट घटा
हरियाणा में भाजपा 2014 से सत्ता में है। पहले टर्म में मनोहर लाल खट्‌टर को पार्टी ने CM बनाया था। इसके बाद 2019 में JJP के साथ मिलकर सरकार बनाई। पहले टर्म के लोकसभा चुनाव में BJP का वोट शेयर 34.7% था। इसके 5 साल बाद वोट शेयर बढ़कर 58% पहुंच गया।

वहीं, 2024 के चुनाव में भाजपा के कैडर में कमी देखने को मिली है। इस बार यह वोट शेयर 46 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है। यानी कैडर वोट में कमी आई है, जो भाजपा के लिए चिंताजनक संकेत है।

पार्टी में भितरघात से नुकसान
हरियाणा में भाजपा उम्मीदवारों की हार में भितरघात ने भी बड़ा रोल निभाया है। हिसार, सोनीपत, सिरसा, अंबाला ये 4 लोकसभा सीटें ऐसी रहीं जहां चुनाव में भितरघातियों ने बड़ा नुकसान किया। हरियाणा में अभी संगठन और सरकार की पूरी जिम्मेदारी नायब सैनी के पास है।

हालांकि, इन भितरघातियों को लेकर संगठन काफी गंभीर है। CM सैनी तो यहां तक कह चुके हैं कि इन बागियों की रिपोर्ट दिल्ली तक पहुंचाएंगे। ऐसे में आने वाले समय में भाजपा में बड़े स्तर पर पदाधिकारियों के इस्तीफों का दौर देखने मिल सकता है।

चुनाव से पहले CM बदलना ‘सेल्फ गोल’
भाजपा ने चुनाव से ठीक पहले 12 मार्च 2024 को हरियाणा का मुख्यमंत्री बदल दिया। 2 बार के CM रहे मनोहर लाल खट्टर को हटाकर पार्टी ने नायब सिंह सैनी को हरियाणा का नया मुख्यमंत्री बना दिया। नायब सैनी हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद भी थे।

नायब सैनी इससे पहले खट्टर सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम जारी होते ही शुरुआती रुझानों में BJP उम्मीदवारों को जब पीछे देखा गया तो CM बदलने का यह फैसला गलत साबित होता दिखा। इस फैसले को सियासी जानकार ‘सेल्फ गोल’ मान रहे हैं।

सरकार के पास टाइम नहीं है
हरियाणा में साल के लास्ट में विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव भी भाजपा के लिए बेहद खास हैं। यही वजह है कि केंद्रीय नेतृत्व ने 10 साल की एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिए सूबा सरकार में बदलाव तक कर डाला। हालांकि, इस बदलाव का लोकसभा चुनाव पर असर नहीं दिखा।

अब बदलाव के बाद पार्टी के नए CM नायब सैनी के पास 3 महीने का टाइम है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के इस नैरेटिव को बदलना पार्टी के लिए बड़ा चैलेंज होगा।

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