हरियाणा में करनाल गांव गोन्दर में एक छात्र को ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के लिए भेजने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की गई। चंडीगढ़ के सेक्टर-17 स्थित एक इमीग्रेशन कंपनी इमिग्रेशन सॉल्यूशन के नाम से काम करने वाले व्यक्ति और एक महिला युवक को अपनी चिकनी-च
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छात्र को विदेश भेजने का दावा करते हुए इन्होंने कागजों के नाम पर दस्तावेज लिए और धीरे-धीरे कर करीब 10 लाख रुपये से अधिक की रकम हड़प ली। जब शिकायतकर्ता ने पैसे वापिस मांगे तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस को की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बेटे की पढ़ाई के नाम पर जमा करवाई 15 हजार की एंट्री फीस
गांव गोंदर निवासी शिकायतकर्ता प्रदीप कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसका बेटा प्रशांत बीए फाइनल का छात्र है और उसे विदेश भेजने की प्लानिंग थी। नवंबर 2022 में उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर-17 स्थित इमिग्रेशन सॉल्यूशन कार्यालय जाकर विकास शर्मा और वान्या सिंह से मुलाकात की। इन दोनों ने खुद को विदेशी शिक्षा में विशेषज्ञ बताते हुए बताया कि अगर किसी कारण वीजा न लगे, तो सारी फीस वापस कर दी जाती है। इसी भरोसे उन्होंने बेटे के डॉक्यूमेंट्स उन्हें सौंप दिए और 15 हजार रुपये एंट्री फीस के तौर पर ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।
ऑफर लेटर दिखाकर वसूले 7 लाख 9 हजार रुपये
पीड़ित के अनुसार, कुछ दिन बाद इमीग्रेशन एजेंट्स ने ऑस्ट्रेलिया के कॉलेज का फर्जी ऑफर लेटर दिखाकर 7 लाख 09 हजार 290 रुपये की मांग की, जो पीड़ित ने 7 दिसंबर 2022 को ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उन्होंने जीटी (GTE) क्लीयरेंस के लिए 57 हजार 400 रुपये और मार्च 2023 में बेटे का मेडिकल करवाकर 36 हजार रुपये और embassy फीस भी कटवा दी।

करनाल निसिंग थाना।
चार महीने तक कोई जवाब नहीं
पीड़ित ने बताया कि सारी प्रक्रिया पूरी करवाने के बाद चार महीने तक आरोपियों ने कोई जवाब नहीं दिया। बाद में उन्होंने बताया कि प्रशांत का रिफ्यूजल आ गया है, जबकि वो रिजेक्शन चार महीने पहले ही आ चुका था। जब प्रदीप ने पैसे लौटाने की मांग की तो उन्हें कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया के कॉलेज से जब पैसे आएंगे, तभी लौटाएंगे।
बाउंस हुए दो चेक, फिर की गई आंशिक रकम की वापसी
शिकायत के मुताबिक, कई बार दबाव देने पर 6 अक्टूबर 2023 को प्रदीप को एक चेक दिया गया, जो 17 जनवरी 2024 को बाउंस हो गया। फिर दूसरा चेक 22 फरवरी 2024 को दिया गया, वह भी 20 फरवरी को बाउंस हो गया। बाद में आरोपी के खाते से 29 फरवरी 2024 को 2 लाख 62 हजार 077 रुपये और 19 मार्च 2024 को 1 लाख 50 हजार रुपये आरटीजीएस के माध्यम से प्रदीप के खाते में भेजे गए।
बकाया रकम मांगने गए तो दी जान से मारने की धमकी
प्रदीप कुमार जब बकाया रकम मांगने के लिए दोबारा चंडीगढ़ दफ्तर गए तो आरोपी वहां नहीं मिले। बाद में फोन पर संपर्क करने पर आरोपियों ने गाली-गलौच करते हुए धमकी दी कि अगर फिर से पैसे लेने के लिए दफ्तर आए या कॉल किया, तो जान से मार देंगे।
कबूतरबाजों के खिलाफ दर्ज हुआ केस
मामले में प्रदीप कुमार की शिकायत के आधार पर थाना निसिंग में विकास शर्मा व वान्या सिंह के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) व 406 (विश्वास भंग कर संपत्ति का गबन) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार कुल लगभग 10 लाख रुपये की ठगी हुई, जिसमें से करीब 4.12 लाख रुपये अब तक वापिस किए गए हैं। शेष रकम और धमकी की जांच भी पुलिस द्वारा की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है।