एसीबी टीम द्वारा पकड़े गए अधिकारी AFSO राजेंद्र कुमार व इंस्पेक्टर नीरज वधवा।
हरियाणा के करनाल में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रिश्वतखोरी के गंभीर मामले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी (एएफएओ), निरीक्षक और एक सेवादार को गिरफ्तार किया है। तीनों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां यह तय होगा कि
.
डिपो होल्डर ने एसीबी को शिकायत दी थी कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी डिपो होल्डरों से कमीशन के एक्स्ट्रा अवैध उगाही कर रहे हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि खंड कुंजपुरा के इंस्पेक्टर नीरज वधवा और सहायक खाद्य अधिकारी राजेंद्र सिंह, सेवादार रामचंद्र के जरिए रिश्वत की रकम इकट्ठा करते थे।
![कुंजपुरा से एसीबी द्वारा पकड़े गए आरोपी को लेकर जाती टीम।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/01/02/1_1735838646.gif)
कुंजपुरा से एसीबी द्वारा पकड़े गए आरोपी को लेकर जाती टीम।
कमीशन के साथ मांगी जाती थी अतिरिक्त रिश्वत
शिकायतकर्ता ने बताया कि खंड कुंजपुरा में 31 डिपो होल्डरों को सरकार से 200 रुपए प्रति क्विंटल का कमीशन मिलता है। लेकिन निरीक्षक नीरज वधवा 3 से 5 प्रतिशत कमीशन और अतिरिक्त 20 रुपये प्रति क्विंटल रिश्वत की मांग करते थे। यह राशि सेवादार रामचंद्र के माध्यम से वसूली जाती थी, जो इसे अधिकारियों को सौंप देता था।
रंगे हाथ पकड़ा गया सेवादार, 67 हजार रुपये बरामद
एसीबी की टीम ने गुरुवार को कुंजपुरा कार्यालय में शिकायतकर्ता की पत्नी और भाई से 15,000 रुपए की रिश्वत लेते समय रामचंद्र को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। रामचंद्र के पास से 67 हजार रुपए नकद भी बरामद हुए, जो अन्य डिपो होल्डरों से वसूले गए थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि सरकार ने सभी 31 डिपो होल्डरों के लिए 23,29,178 रुपये राशन वितरण कमीशन के रूप में जारी किए थे। निरीक्षक नीरज वधवा ने इस राशि का भी एक हिस्सा बतौर रिश्वत मांगा।
![रात को तीनों आरोपियों को अस्पताल में लेकर पहुंची टीम।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/01/02/_1735839047.gif)
रात को तीनों आरोपियों को अस्पताल में लेकर पहुंची टीम।
रिकॉर्डिंग और गवाहों के आधार पर हुई कार्रवाई
शिकायतकर्ता ने अधिकारियों की बातचीत की रिकॉर्डिंग एसीबी को सौंपी, जिसमें रिश्वतखोरी की पुष्टि हुई। गवाहों की मौजूदगी में एसीबी ने कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान सभी जरूरी सबूत जब्त कर लिए गए। शिकायत के मुताबिक, निरीक्षक नीरज वधवा ने वसूली गई राशि का हिस्सा अपने उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचाया। एसीबी ने मामले में सहायक खाद्य अधिकारी राजेंद्र सिंह और अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है।