Haryana Government HKRNL Job Security Order Controversy CM Nayab Singh Saini IAS Anurag Rastogi | हरियाणा सरकार के ऑर्डर से HKRN कर्मचारी परेशान: 3 बड़े कारण आए सामने; पहले आओ-पहले पाओ लागू किया, कांग्रेस उठा चुकी सवाल – Haryana News


हरियाणा सरकार के एक ऑर्डर ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRNL) के माध्यम से भर्ती किए गए अनुबंधित कर्मचारियों को परेशान कर दिया है। इसका कारण रिक्त पदों पर काम कर रहे कर्मचारी, जो हरियाणा अनुबंधित कर्मचारी (जॉब सिक्योरिटी) एक्ट, 2024 के दायरे में नहीं

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सरकार के इस ऑर्डर के बाद कांग्रेस भी सवाल उठा चुकी है। कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला इसको लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं।

यहां पढ़िए सरकारी ऑर्डर के सिलसिलेवार तीन प्वाइंट..

1. पोस्ट खाली नहीं होने पर ये हटेंगे कर्मचारी

दरअसल, मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा 3 अप्रैल को जारी आदेश मुख्य रूप से हरियाणा संविदा कर्मचारी जॉब सिक्योरिटी एक्ट के तहत कवर नहीं होने वाले संविदा कर्मचारियों से संबंधित है। राज्य सरकार ने इस ऑर्डर में निर्णय लिया है कि नवनियुक्त ग्रुप सी के शामिल होने और जॉब सिक्योरिटी एक्ट के तहत सेवा की सुरक्षा का लाभ प्राप्त करने वाले सभी संविदा कर्मचारियों के समायोजन के बाद, यदि विभागों, बोर्डों, निगमों में खाली पद उपलब्ध नहीं हैं, तो आउटसोर्सिंग पॉलिसी या एचकेआरएनएल के पार्ट 1 और 2 के माध्यम से शुरू में लगे अनुबंधित कर्मचारियों को हटा दिया जाएगा।

2. ऑर्डर में पहले आओ, पहले पाओ लागू किया

मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उन्हें ‘पहले आओ- पहले पाओ’ के सिद्धांत को लागू करके मुक्त किया जाएगा, यानी सबसे अधिक समय तक लगे अनुबंधित कर्मचारियों को पहले मुक्त किया जाएगा। हरियाणा सरकार हाल ही में भर्ती हुए ग्रुप सी के कर्मचारियों को नियुक्ति देना चाहती है, जिनकी भर्ती हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा आयोजित सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) के माध्यम से हुई है।

3. किस संविदा कर्मचारी को सेवा सुरक्षा का लाभ मिलेगा?

यदि पद पर 15 अगस्त, 2019 से पहले आउटसोर्सिंग नीति के तहत या एचकेआरएनएल के माध्यम से नियुक्त कोई अनुबंधित कर्मचारी कार्यरत है, तो ऐसे कर्मचारी को कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, हरियाणा अनुबंधित कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम, 2024 के तहत सेवा की सुरक्षा का लाभ देने के लिए संबंधित विभाग द्वारा उसके मामले पर कार्रवाई की जाएगी।

हरियाणा में संविदा कर्मचारियों की भर्ती कैसे होती है?

हरियाणा में सभी सरकारी संस्थाओं को संविदात्मक जनशक्ति प्रदान करने के उद्देश्य से 2021 में एचकेआरएनएल का गठन किया गया था। यह हरियाणा में संविदात्मक जनशक्ति प्रदान करने के लिए अधिकृत एजेंसी के रूप में कार्य करता है। निगम से पहले, कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्सिंग पॉलिसी प्रथम और द्वितीय के तहत की जाती थी। पार्ट वन मुख्य रूप से लोगों को सेवाओं की डिलीवरी को मजबूत करने के लिए विभिन्न सेवाओं की आउटसोर्सिंग से संबंधित था। पार्ट टू में उन जगहों पर अनुबंध के आधार पर लोगों की नियुक्ति शामिल थी जहां नियमित पद मौजूद थे।

इस निर्णय पर कर्मचारी यूनियनों की क्या प्रतिक्रिया है?

राज्य सरकार के कर्मचारियों की सर्वोच्च संस्था सर्व कर्मचारी संघ ने इस फैसले को अवैध और बिना किसी औचित्य के बताया है। सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा, राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने का दावा कर रही है, लेकिन इस फैसले से बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हो जाएंगे। सरकार को तुरंत इस आदेश को वापस लेना चाहिए, ताकि किसी भी संविदा कर्मचारी की छंटनी न हो।

सरकारी ऑर्डर को लेकर ये उठ रहे सवाल

1. HKRN के केवल उन कर्मचारियों को ‘सिक्योरिटी ऑफ सर्विस” दी जाएगी, जो 15 अगस्त 2019 से पहले HKRN या कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से लगे हैं।

2. 15 अगस्त, 2019 के बाद HKRN के माध्यम से लगे कर्मचारियों को “फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट” के सिद्धांत से नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा।

3. यानी 15 अगस्त, 2019 के बाद जो सबसे पहले लगा है, और जिसकी सर्विस जितनी ज्यादा है, उसे ही सबसे पहले बर्खास्त किया जाएगा।

अब तक ये कर्मचारी हो चुके बाहर

1. 02 अप्रैल 2025 को 252 पीजीटी अध्यापकों की नौकरी बर्खास्त कर दी गई।

2. 19 मार्च, 2025 को नहर विभाग के द्वारा HKRN में लगे 128 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।

3. 31 मार्च, 2025 को वन विभाग फतेहाबाद, सिरसा तथा पानीपत द्वारा HKRN कर्मचारियों की नौकरी समाप्त कर दी गई।

4. पंचायती राज विभाग, करनाल, जगाधरी व छछरोली ने भी 31 मार्च, 2025 को HKRN से लगे कर्मचारियों की नौकरी बर्खास्त कर दी।

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