Haryana boy Sachiv Nehra Top UPSC Exam | हरियाणा के छोरे का कमाल: EPFO परीक्षा में किया टॉप, कोरोना में पिता का हो गया था निधन, आज नारनौंद में होगा स्वागत – Hisar News

हरियाणा के लाल ने देश में कमाल कर दिया है। हिसार के नारनौंद के सचिव नेहरा ने UPSC में EPFO परीक्षा में देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। ग्रामीण परिवेश से आने वाले सचिव नेहरा की उपलब्धी की चारों ओर चर्चा है। विपरित परिस्थितियों के बावजूद सचिव नेहरा

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2 साल पहले कोरोना में पिता और छोटी बहन का निधन हो चुका है। परिवार में दुख का पहाड़ होने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और जो मंजिल तय की थी उसको पाने के लिए कड़ी मेहनत शुरू कर दी। माता मूर्ति देवी ने भी खूब हौसला बढ़ाया। UPSC द्वारा EPFO में पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त करने वाले नारनौंद निवासी सचिव नेहरा अपनी कामयाबी पर काफी खुश हैं।

सचिव ने बताया कि “सभी छात्र पूरी मेहनत के साथ अपनी मंजिल की तरफ बढ़ें, जिस विषय में वह कमजोर हैं सबसे पहले उसको दूर करें, फालतू चीजों में समय खराब ना करें, इंटरनेट और सोशल मीडिया पर काम की चीजें ही देखें। हार्ड वर्क करें तो मंजिल अवश्य मिल जाएगी”।

अपने पुराने दोस्तों के साथ सचिव नेहरा। यह फोटो फेसबुक पर 2017 में शेयर की थी।

अपने पुराने दोस्तों के साथ सचिव नेहरा। यह फोटो फेसबुक पर 2017 में शेयर की थी।

एपिडेक्स प्रोविडेंट फंड कमिश्नर बनेंगे
सचिव नेहरा अब वह एपिडेक्स प्रोविडेंट फंड कमिश्नर नियुक्त होंगे। फिलहाल वह दिल्ली में एक्साइज इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। सचिव ने दसवीं कक्षा नारनौंद के उपासना सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पास की थी और 12वीं जींद के स्कूल से पास की थी। उसके बाद भिवानी से बीटेक की और सीजीएल की परीक्षा में 13 वां रैंक प्राप्त करने दिल्ली में एक्साइज इंस्पेक्टर लग गए।

परिवार को चलाने के लिए नौकरी जारी रखी और यूपीएससी की तैयारी में जुटे गए। हर रोज तीन से चार घंटे पढ़ाई करनी शुरू कर दी और छुट्टी वाले दिन 8 से 10 घंटे तक पढ़ाई की। लेकिन 2022 में कोरोना काल के दौरान उनके पिता वेदपाल नेहरा और बहन सुरक्षा का निधन हो गया था। उस हादसे से उबरना बड़ा मुश्किल था लेकिन माता मूर्ति देवी ने हौसला बढ़ाया। उसके बाद सचिव ने अपने कदम मंजिल की तरफ बढ़ा दिए।

सचिव नेहरा के कमरे में 800 किताबें
सचिव को किताब भी पढ़ने का भी बहुत शौक है। वह हर समय किताबों से घिरे रहते हैं। उनके कमरे में करीब 800 किताबें आज भी मौजूद है। अलग-अलग विषय की किताब पढ़ना उनकी निजी जिंदगी में शामिल हैं। साइकोलाजी और सेल्फ हेल्प की किताबें पढ़ने में उनकी विशेष रुचि है। मेडिटेशन की किताबें भी वह पढ़ते रहते हैं।

हर रोज मेडिटेशन हुई करते हैं। वह अपनी कामयाबी का राज मेडिटेशन बताते हैं। मेडिटेशन से समाज होने वाले हाथों से उबरने मैं काफी सहायता मिलती है। साथ ही एक अलग पावर भी मिलती हैं।

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