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- Hariyali Teej Today: Married Women Complete Their Fast By Worshipping Shiva Parvati And Swinging For Good Luck And Prosperity
12 मिनट पहले
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आज हरियाली तीज है। इसे श्रावणी तीज भी कहते हैं, क्योंकि ये सावन के शुक्ल पक्ष में आती है। इस त्योहार पर सुहागन महिलाएं सौलह श्रंगार करती हैं। कुंवारी कन्याएं भी सजती हैं। भगवान शिव-पार्वती की विशेष पूजा करती हैं और निर्जला यानी बिना पानी पिए व्रत रखती हैं।
पौराणिक मान्यता: हरियाली तीज पर शिवजी ने पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक देवी पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठीन तपस्या की थी। पार्वती की तपस्या से भोलेनाथ खुश हुए। माना जाता है कि हरियाली तीज के दिन ही शिवजी ने पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। यही वजह है कि इस व्रत से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है।
पूजा से जुड़ी जरूरी बातें
सुबह जल्दी उठकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है फिर पीपल को जल चढ़ाते हैं। इसके बाद मिट्टी से भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजते हैं।
सौलह श्रंगार करने के बाद महिलाएं पूजा करती हैं और पूजा की थाली में सुहाग की सभी चीजों रखी जाती हैं।
पूरे दिन व्रत-उपवास रखा जाता है। सुबह-शाम भगवान शिव-पार्वती की पूजा की जाती है।
झूला झूलने की परंपरा
हरियाली तीज पर सुहागनें हरे रंग को प्राथमिकता देती हैं। यह प्रकृति की समृद्धि और समृद्ध जीवन का प्रतीक रंग है। वे हरे रंग की चूड़ियां और हरे रंग के कपड़े पहनती हैं। इस दौरान महिलाएं सोलह शृंगार कर हाथों में मेहंदी लगाती हैं।
नवविवाहित वधू यह पर्व मायके में मनाती हैं और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की मंगल कामना करती हैं। हरियाली तीज के मौके पर खासतौर से पूजा-पाठ के बाद महिलाएं एक-दूसरे को झूला झुलाती हैं। इस दौरान सावन के गीत भी गाए जाते हैं।