Hariyali Amavasya will be celebrated on 24th July, Sarvarth Siddhi Yoga on hariyali amawasya, savan month amawasya significance in hindi | 24 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगी हरियाली अमावस्या: पूजा-पाठ के साथ ही किसी मंदिर में लगाएं पौधे, पितरों के लिए करें धूप-ध्यान

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6 घंटे पहले

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इस साल हरियाली अमावस्या गुरुवार, 24 जुलाई को है। खास बात यह है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जिससे इस तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और अधिक बढ़ गया है। सावन माह की अमावस्या होने के कारण ये दिन भगवान शिव की आराधना, पितरों के तर्पण और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

प्रकृति पूजन और पितृ तर्पण का पर्व

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव हैं। इस दिन पूर्वजों की शांति के लिए श्राद्ध कर्म, तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य करना अत्यंत फलदायक है। दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान, तर्पण आदि शुभ करें।

हरियाली अमावस्या पर कर सकते हैं ये शुभ काम

तीर्थ स्नान: हरिद्वार, नासिक, गया, उज्जैन जैसी पवित्र नदियों में स्नान करें और नदी किनारे पितरों के लिए पिंडदान, जलदान और तर्पण कर सकते हैं।

दान-पुण्य: जरूरतमंदों को अनाज, वस्त्र, छाता, जूते, भोजन आदि का दान करें।

सूर्य पूजा: सुबह स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करें और “ऊँ सूर्याय नमः” मंत्र का जप करें।

शिव पूजन: भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें। यदि अभिषेक करना संभव न हो तो शिवलिंग पर जल-दूध चढ़ाएं, बिल्वपत्र, धतूरा, चंदन, गुलाल व फूल अर्पित करें और “ऊँ नमः शिवाय” का जप करें।

वृक्षारोपण: इस दिन किसी मंदिर या पार्क में पीपल, नीम, शमी, बरगद, आम जैसे छायादार पौधे लगाएं और उनकी देखभाल का संकल्प लें।

विष्णु-लक्ष्मी पूजन: दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें, भगवान को लाल-पीले चमकीले वस्त्र अर्पित करें और “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करें।

हनुमान पूजा: हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।

श्रीकृष्ण का पूजन: बाल गोपाल और गौमाता की मूर्ति का अभिषेक करें, माखन-मिश्री का भोग लगाएं और “कृं कृष्णाय नमः” मंत्र का जप करें।

सावन मास की अमावस्या, खासकर गुरुवार को हो तो अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस बार इसका संयोग सर्वार्थ सिद्धि योग से होने के कारण यह दिन मनोकामना पूर्ति, पितृ पूजा और धार्मिक लाभ के लिए बहुत खास है।

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