Hanuman had forgotten his powers, hanuman and goddess sita story, ramayana, life management tips from ramayana in hindi | हनुमान भूल गए थे अपनी शक्तियां: जामवंत ने याद दिलाई शक्तियां तो हनुमान ने लंका पहुंचकर की थी देवी सीता से भेंट, हमें भी अपनी शक्तियां पहचाननी चाहिए

  • Hindi News
  • Jeevan mantra
  • Dharm
  • Hanuman Had Forgotten His Powers, Hanuman And Goddess Sita Story, Ramayana, Life Management Tips From Ramayana In Hindi

2 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

रामायण का एक प्रसंग है। रावण ने देवी सीता का हरण कर लिया था। श्रीराम-लक्ष्मण जंगलों में देवी सीता को खोज रहे थे। इस दौरान हनुमान ने श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता करवाई। इसके बाद सीता की खोज करते हुए हनुमान, जामवंत, अंगद और वानर सेना दक्षिण दिशा में समुद्र तट पर पहुंच गई थी। जटायु के भाई संपाति ने वानर सेना को बता दिया था कि देवी सीता रावण की लंका में कैद हैं।

अब वानर सेना को लंका जाकर देवी सीता की खोज करनी थी। हनुमान समुद्र के किनारे खड़े हैं। सामने लंका है, लेकिन वहां पहुंचने के लिए समुद्र पार करना है, लेकिन हनुमान हिचकिचा रहे हैं। वे जानते हैं कि उन्हें छलांग लगानी है, लेकिन वे रुक जाते हैं। आश्चर्य की बात ये है कि छलांग लगाना उनके लिए शारीरिक रूप से असंभव नहीं था। वे केवल ये भूल गए थे कि वे ऐसा कर सकते हैं। एक शाप की वजह से हनुमान को अपनी शक्तियां याद नहीं थीं, वे शक्तियों के बारे में भूल चुके थे।

हनुमान के पास जामवंत पहुंचे और उन्हें उनकी शक्तियां और पहचान याद दिलाई। जामवंत ने हनुमान को कोई नई शक्ति नहीं बताई, न ही कोई नया कौशल सिखाया, बल्कि केवल उन शक्तियों को याद दिलाया, जो हमेशा से ही हनुमान के भीतर थीं। जामवंत द्वारा शक्तियां दिलाने के बाद हनुमान को सब याद आ जाता है, वे अपनी पूरी ताकत के साथ उड़ान भरते हैं, लंका पहुंचकर देवी सीता से भेंट करते हैं, लंका जलाते हैं और श्रीराम के पास लौट आते हैं।

हम भी भूल जाते हैं अपनी शक्तियां

हनुमान अपनी शक्ति भूल गए थे, इस घटना में हमारे लिए भी जीवन प्रबंधन के महत्वपूर्ण सूत्र छिपे हैं। हम भी अक्सर अपनी असली ताकत को भूल जाते हैं। हम सोचते हैं कि हम कमजोर हो गए हैं, जबकि सच ये है कि हमने केवल अपनी असली क्षमता को पहचानना बंद कर दिया है। हम भूल जाते हैं कि हममें क्या-क्या गुण, क्षमता और शक्ति पहले से मौजूद है। शक्तियों को भूलना असफलता नहीं है, बल्कि केवल ये हमारी स्पष्टता की कमी है। हमें बस अपनी असली शक्तियों को पहचानने की जरूरत है।

खुद पर शक करना, अपनी योग्यता पर सवाल उठाना और उस शक्ति को भूल जाना जो हममें पहले से ही है, ये बातें हमें कमजोर बना देती हैं। इनसे बचना चाहिए।

मान लीजिए कोई छात्र है, जिसे अपनी परीक्षा की तैयारी में कठिनाई हो रही है। वह सोचने लगता है कि वह पढ़ाई में कमजोर है, लेकिन क्या वह सच में कमजोर है? या उसने अपनी अंदर की मेहनत और बुद्धिमत्ता को भूल गया है? वास्तव में, वह बस उस आत्मविश्वास को भूल गया है जो पहले उसके पास है।

इसी प्रकार, हम अक्सर खुद को सीमित कर लेते हैं। हम सोचते हैं कि हम रचनात्मक नहीं हैं या हम प्रेम पाने के लिए योग्य नहीं हैं या हम बहादुर नहीं हैं, लेकिन ये सब हमारे अपने हैं, जो हमें हमारी असली पहचान से दूर कर देते हैं।

जब करना हो मुश्किल काम तो ध्यान रखें ये बातें

अगर हम जीवन में किसी कठिन फैसले, बदलाव या चुनौती के सामने खड़े हैं और खुद को असमर्थ महसूस कर रहे हैं तो गहरी सांस लें। अपने डर को दूर करें और अपनी शक्तियों को पहचानें। हमें नई ताकत पाने की जरूरत नहीं है, बस अपनी असली पहचान को याद करने की जरूरत है। हनुमान की तरह, जब हमको याद आ जाता है कि हम कौन हैं, तब हम भी सफल हो सकते हैं।

हनुमान की ये कथा हमें यह सिखाती है कि असली शक्ति हममें पहले से है। अपनी शक्तियों को पहचानना ही सबसे बड़ी सफलता है। इसलिए मुश्किल दौर में याद रखें, आपके भीतर वह शक्ति मौजूद है जो आपको सफल बना सकती है।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *