हिमाचल से संबंध रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर
हिमाचल के दिग्गज नेता अनुराग ठाकुर को केंद्रीय कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमीरपुर लोकसभा सीट से लगातार पांचवी बार चुनाव जीते अनुराग को ड्रॉप करके झटका दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री का दो दिन पहले तक फिर से मंत्री ब
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इसे प्रदेश के पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल परिवार के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि साल 2010 में जेपी नड्डा ने धूमल से अनबन की वजह से ही प्रदेश सरकार में फॉरेस्ट मिनिस्टर पद से इस्तीफा दिया था। आज नड्डा की वजह से ही धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर को कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई है।
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हिमाचल छोटा राज्य, इसलिए दो मंत्री नहीं
हिमाचल छोटा राज्य है। यहां कुल चार लोकसभा सीटें है। ऐसे में यहां से दो मंत्री का बनने की संभव कम है। खासकर जब केंद्र में गठबंधन की सरकार बनी है और सहयोगियों का ध्यान रखना पड़ रहा है।
पूर्व सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे
अनुराग ठाकुर एनडीए-2 सरकार में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और एनडीए-1 सरकार में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री रह चुके हैं। मगर एनडीए-3 सरकार में जगह नहीं मिल पाई। संभव है कि अनुराग ठाकुर को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। अनुराग को राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जाने की चर्चा है।
अनुराग को ड्रॉप करने की वजह
- सूत्र बताते हैं कि प्रेम कुमार धूमल व बेटे अनुराग विरोधी धड़े ने पार्टी हाईकमान को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमे अनुराग को हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में तीन विधानसभा उप चुनाव में बीजेपी की हार के लिए जिम्मेदार बताया है।
- दरअसल हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में बीजेपी की सुजानपुर, कुटलैहड़ और गगरेट विधानसभा उप चुनाव में हार हुई है। सुजानपुर में राजेंद्र राणा, कुटलैहड़ में देवेंद्र कुमार भुट्टो और गगरेट में चैतन्य शर्मा चुनाव हारे हैं।
- बीजेपी का एक खेमा खासकर कुटलैहड़ और सुजानपुर विधानसभा में पार्टी की हार के लिए अंदरखाते धूमल परिवार को दोषी मान रहा है, क्योंकि सुजानपुर में साल 2017 में प्रेम कुमार धूमल को राजेंद्र राणा ने हराया था। इस बार कांग्रेस के बागी राजेंद्र राणा को बीजेपी ने टिकट दिया और वह चुनाव हार गए। राजेंद्र राणा धूमल के हनुमान कहे जाने वाले कैप्टन रणजीत सिंह राणा से चुनाव हारे हैं।
- कुटलैहड़ सीट पर भी बीजेपी के टिकट पर कांग्रेस के बागी देवेंद्र कुमार भुट्टो ने चुनाव लड़ा और यहां पर भी बीजेपी चुनाव हार गई। इस सीट पर धूमल के करीबी एवं भाजपा के दिग्गज पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर का भविष्य दांव पर लगा है। इसलिए इन दोनों सीट पर हार के लिए धूमल परिवार पर सवाल उठ रहे हैं।
- अनुराग के मंत्री नहीं बनने की एक ओर वजह उन्हें संगठन की जिम्मेदारी सौंपना बताया जा रहा है। जेपी नड्डा को कैबिनेट मंत्री बनाने के बाद भाजपा के संगठन में फेरबदल होगा। भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर नीचे तक की कार्यकारिणी में फेरबदल होगा। चर्चा है कि अनुराग ठाकुर को पार्टी राष्ट्रीय महामंत्री बना सकती है।
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अनुराग ठाकुर की खास बातें
क्रिकेटर से राजनेता बने अनुराग ठाकुर भाजपा में बड़ा चेहरा बन गए है। अनुराग को 20 जनवरी 2019 को संसद रत्न अवार्ड विजेता के साथ साथ 2016 में प्रादेशिक सेना में कमीशंड अधिकारी बने। ऐसा करने वाले वह पहले BJP सांसद हैं।
राजनीति में आने से पहले अनुराग ठाकुर पंजाब और नॉर्थ जोन की क्रिकेट टीम का नेतृत्व कर चुके हैं। नवंबर 2000 में रणजी ट्रॉफी में जेएंडके के सामने हिमाचल क्रिकेट टीम के कप्तान रहे और सिर्फ 25 साल की उम्र में वर्ष 2000 में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। यही नहीं अनुराग ठाकुर 22 मई 2016 को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के जॉइंट सेक्रेटरी बने।
शाह ने दिए थे अनुराग को मंत्री बनाने के संकेत
हिमाचल के ऊना जिला के अंब में चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह ने अनुराग ठाकुर को फिर से मंत्री बनाने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि वह जहां भी जाते हैं, लोग कहते हैं कि हमारे सांसद को मंत्री बना देना। प्रधानमंत्री मोदी ने हमीरपुर वालों को बना बनाया मंत्री प्रत्याशी दिया है।
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