2 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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90 के दशक वाले प्यार की सादगी और गहराई को नए अंदाज में दिखाने वाली फिल्म ‘गुस्ताख इश्क’ जल्द ही रिलीज होने वाली है। विभु पुरी के निर्देशन में बनी इस रोमांटिक ड्रामा में पहली बार फातिमा सना शेख और विजय वर्मा साथ नजर आएंगे। फिल्म में रिश्तों, प्यार और भावनाओं की जटिलताओं को पेश किया गया है।
इसका खास आकर्षण गुलजार और विशाल भारद्वाज का संगीत है, जिसे दर्शक लेकर काफी उत्साहित हैं। डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने फिल्म को प्रोड्यूस किया है। हाल ही में फातिमा और विजय ने दैनिक भास्कर से बातचीत में अपने अनुभव साझा किए। पेश है कुछ प्रमुख अंश..

सवाल- 90 के दशक की बहुत सी बातें याद आती हैं, खासकर उस दौर का सच्चा प्यार और जज्बात। आपको उस समय की कौन-सी बातें सबसे ज्यादा याद आती हैं?
जवाब/ विजय: 90 के दशक की बहुत सी यादें हैं। हर चीज में अपना अलग मजा था। मौसम का, फिल्म देखने का, थिएटर की लाइन में लगने तक का। उस समय हर चीज के लिए इंतजार करना पड़ता था, लेकिन लोग उस इंतजार को भी एन्जॉय करते थे। लाइट चली जाती थी तो परिवार या दोस्तों के साथ बातें करते थे, पुराने फोटो एल्बम देखते थे, छोटी-छोटी खुशियां मनाते थे। वही पुरानी खूबसूरत यादें इस फिल्म में फिर से देखने को मिलेंगी।
सवाल: फातिमा आपको 90 के दशक की कौन-सी बातें याद आती हैं?
जवाब/फातिमा: बचपन में जब शाम के 7 बजे डिज्नी चैनल आता था, तो हम सब बच्चे खेलना छोड़कर टीवी देखने दौड़ पड़ते थे। उस वक्त न वीडियो गेम्स थे, न फोन। बस वही स्नेक वाला गेम होता था, वो भी पेरेंट्स के फोन पर। हर शाम दोस्तों के साथ बाहर खेलना और बातें करना सबसे मजेदार होता था। तब न ग्रुप चैट्स थीं, न ऑनलाइन डेटिंग। हम सब असली में मिलते थे, इसलिए वो दिन बहुत याद आते हैं।

सवाल: स्कूल टाइम में जो मासूम प्यार होता था, वो एकतरफा था या दोतरफा? कोई अनुभव शेयर करें?
जवाब/ विजय: एकतरफा ही था, क्योंकि कभी बात नहीं की। शायद दोतरफा भी हो, लेकिन मौका ही नहीं मिला।
सवाल: आपने कभी अपने दिल की बात कही थी?
जवाब/विजय: स्कूल के समय मैं बहुत शर्मीला था, किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। 18 साल की उम्र में पहली बार किसी लड़की से बात हुई। उसने खुद मुझे एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें लिखा था- “तुम चेक शर्ट में अच्छे लगते हो।” इसके बाद हम दोस्त बने, फिर कुछ सालों बाद हमारी डेटिंग शुरू हुई। कुछ समय बाद हमारा रिश्ता खत्म हो गया, और उसके बाद मैं पढ़ाई के लिए पुणे के एफटीआई चला गया।
सवाल: नसीरुद्दीन शाह के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा? सुना है, एफटीआईआई में उनकी वर्कशॉप में आप नहीं जा पाए थे, क्या कहानी है?
जवाब/ विजय: जब मैं एफटीआई में था, तब नसीर साहब की वर्कशॉप हमारे बैच में नहीं हुई थी। अगले बैच में उनकी वर्कशॉप रखी गई, तो मैं और मेरा एक दोस्त पुणे चले गए। हमने सोचा था कि क्लास में बैठ जाएंगे, लेकिन वहां जाने की अनुमति नहीं मिली क्योंकि वो दूसरे बैच की वर्कशॉप थी।
हम बाहर ही पूरा दिन बैठे रहे, बस उनसे मिलने की उम्मीद में। शाम को जब नसीर साहब ने देखा कि हम अब भी बाहर बैठे हैं, तो मुस्कुराकर बोले, “कल सुबह 9 बजे आ जाना।” इसी तरह हमें उनकी वर्कशॉप में शामिल होने का मौका मिल गया।
सवाल: फातिमा आपको नसीरुद्दीन शाह के साथ काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा?
जवाब/ फातिमा: मुझे बहुत मजा आया। शुरू में मैं नर्वस थी क्योंकि उनका काम देखकर सब प्रभावित होते हैं। लगा कि वो मेरी परफॉर्मेंस को जज करेंगे, इसलिए बेस्ट देना चाहती थी। लेकिन वो बहुत सपोर्टिव और केयरिंग हैं, हमेशा मदद करते हैं, इसलिए अनुभव बहुत अच्छा रहा।
सवाल: आपके अपने को-एक्टर विजय वर्मा की कौन-सी बात सबसे अच्छी लगती है?
जवाब/फातिमा: विजय बहुत समझदार, टैलेंटेड और अच्छे इंसान हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर शानदार है, जिससे हमारी अच्छी दोस्ती हो गई। मैं खुश हूं कि उनसे मुलाकात हुई।
सवाल: विजय आप अपनी को-स्टार फातिमा के बारे में क्या कहेंगे?
जवाब/ विजय: फातिमा बहुत डाउन टू अर्थ और सिंपल हैं। बिल्कुल भी एटीट्यूड नहीं है, बड़ी फिल्मों में काम करने के बावजूद बहुत ग्राउंडेड है।

सवाल:आपकी फिल्म में गुलजार साहब, विशाल भारद्वाज और मनीष मल्होत्रा जैसे बड़े नाम जुड़े हैं। ट्रेलर को भी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है, इसे आप कैसे देखती हैं?
जवाब/फातिमा: ट्रेलर और गानों को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। इतने बड़े कलाकारों के साथ काम करना बहुत खुशी की बात है। मनीष सर ने भरोसा दिखाया, नसीर जी ने बहुत प्यार दिया और सबने मिलकर पूरी ईमानदारी से काम किया। अब उम्मीद है कि दर्शक भी फिल्म को उतना ही प्यार देंगे, जितने प्यार से हमने इसे बनाया है।
सवाल: हाल में आपने ओटीटी पर कई अच्छे रोल किए, अब फिर रोमांटिक हीरो बनकर लौट रहे हैं,कैसा लग रहा है?
जवाब/विजय: बहुत नया महसूस हो रहा है, जैसे एक्टर के तौर पर दोबारा जन्म ले रहा हूं। मेरी फिल्में काफी समय बाद थिएटर में आ रही हैं, वो भी बतौर लीड। तो यह मेरे लिए नई शुरुआत है। बस चाहता हूं कि ऑडियंस का प्यार और सपोर्ट मिले ताकि आगे बढ़ता रहूं।
