58 मिनट पहले
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गुरुवार, 29 अगस्त को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है, इसका नाम अजा है। गुरुवार को एकादशी होने से इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के साथ ही देवगुरु बृहस्पति की पूजा का शुभ योग बन रहा है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, अजा एकादशी पर किए गए व्रत-उपवास से भगवान विष्णु की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं। जानिए इस एकादशी पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…
- एकादशी की सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य चढ़ाकर दिन की शुरुआत करें। इसके लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करेंगे तो बेहतर रहेगा। जल में लाल फूल और चावल भी डाल लेना चाहिए। जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें।
- घर के मंदिर में भगवान विष्णु, महालक्ष्मी और श्रीकृष्ण की पूजा करें। पूजा में देवी-देवताओं का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। इसके लिए शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और भगवान की प्रतिमाओं को स्नान कराएं। हार-फूल और नए लाल-पीले वस्त्रों से श्रृंगार करें। तुलसी के साथ मिठाई और माखन-मिश्री का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती हैं। कृं कृष्णाय नम: और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।
- ज्योतिष में गुरु ग्रह को गुरुवार का कारक माना जाता है। ये ग्रह धनु और मीन राशि का स्वामी है। इस ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह से जुड़े दोष हैं, उन्हें हर गुरुवार शिव जी की विशेष पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर केसर मिश्रित जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र, धतूरा और आंकड़े के फूल के साथ पीले फूल भी चढ़ाएं। शिवलिंग पर चंदन का लेप करें। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। चने की दाल और गुड़ चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
- एकादशी पर किसी गौ शाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। गायों को हरी घास खिलाएं। किसी तालाब में मछलियों के लिए आटे की गोलियां बनाकर डालें। चींटियों की लिए शकर और आटा डालें। घर की छत पर पक्षियों के अनाज डालें।
- जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, कपड़े, जूते-चप्पल, छाता दान करें। छोटे बच्चों को खाना खिलाएं या मिठाई का दान करें।
एकादशी से जुड़ी खास बातें
एक साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं। जिस वर्ष में अधिकमास रहता है, उस वर्ष में 2 एकादशियां बढ़ जाती हैं।
एकादशी व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किया जाता है। इस तिथि के स्वामी विष्णु जी ही हैं।
महाभारत के समय भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को सालभर की सभी एकादशियों के बारे में बताया था।
स्कंद पुराण के वैष्णव खंड में एकादशी महात्म्य नाम का अध्याय है, जिसमें सभी एकादशियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।