Guru Pushya Nakshatra on 24th October, significance of guru pushya nakshtra , worship to lord vishnu on guru pushya nakshatra | गुरु पुष्य नक्षत्र 24 अक्टूबर को: भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का करें अभिषेक, शनि देव और देवगुरु बृहस्पति की करें पूजा

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1 घंटे पहले

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गुरुवार, 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य नक्षत्र है। दीपावली से पहले खरीदारी और पूजा-पाठ के नजरिए से ये दिन बहुत खास है। इस साल गुरुवारा को पुष्य नक्षत्र आने से इसका महत्व काफी अधिक बढ़ गया है। ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र बताए गए हैं और इन नक्षत्रों का राजा पुष्य ही है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं। गुरुवार का कारक ग्रह देवगुरु बृहस्पति है। जानिए गुरु पुष्य नक्षत्र पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, गुरु पुष्य नक्षत्र को खरीदारी के लिए महामुहूर्त माना जाता है। इसदिन घर से जुड़ी कोई भी चीज खरीदी जा सकती है। माना जाता है कि गुरु पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई चीजें लंबे समय तक सेवाएं देती हैं और जल्दी खराब नहीं होती हैं। इस मान्यता की वजह से गुरु पुष्य नक्षत्र पर काफी लोग खरीदारी करते हैं।

जानिए गुरु पुष्य नक्षत्र पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

  • गुरु पुष्य नक्षत्र में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें, इसके बाद भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का विशेष अभिषेक करें। इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं पर चढ़ाएं। दूध के बाद शुद्ध जल अर्पित करें। इसके बाद हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। तुलसी के साथ भगवान को मिठाई का भोग लगाएं। भोग में खीर भी रखेंगे तो बहुत शुभ रहेगा। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करते हुए पूजा करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
  • इस दिन शनि देव की भी विशेष पूजा जरूर करें, क्योंकि पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि को माना जाता है। शनिदेव के लिए तेल का दान करें। शनिदेव की प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ाएं। नीले फूल अर्पित करें। भगवान को भोग में काले तिल से बने व्यंजन अर्पित करें। ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करें। किसी मंदिर में पूजन सामग्री का दान करें।
  • गुरुवार को पुष्य नक्षत्र होने से इस देवगुरु बृहस्पति की भी पूजा करनी चाहिए। गुरु ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है, इसलिए शिवलिंग पर केसर मिश्रित जल चढ़ाएं। इसके बाद शुद्ध जल अर्पित करें। चंदन का लेप करें। बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल, अबीर, गुलाल, जनेऊ आदि पूजन सामग्री चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं, मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा में ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
  • गुरु पुष्य नक्षत्र के शुभ योग में जरूरतमंद लोगों को भोजन, अन्न, धन, जूते-चप्पल, कपड़े, पढ़ाई की चीजें, दवाइयां दान करें। माना जाता है कि इस दिन किया गया दान अक्षय पुण्य प्रदान करता है। ऐसा पुण्य जिसका शुभ असर जीवनभर बना रहता है।
  • गुरुवार को भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप बाल गोपाल का भी अभिषेक करें। श्रीकृष्ण को नए वस्त्र अर्पित करें। माखन-मिश्री का भोग तुलसी के साथ लगाएं। कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जप करें।
  • शाम को सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं। हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें।

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