Gulzar wrote a special poem for children on teachers day dainikbhaskar | टीचर्स-डे पर गुलजार की बच्चों के नाम खास कविता: अ, आ, इ, ई सीख लो बेटा, बड़ा होने में काम आएगा, वरना बौने कहलाओगे

19 मिनट पहले

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जाने-माने कवि गुलजार ने टीचर्स-डे के मौके पर बच्चों और दैनिकभास्कर के रीडर्स के लिए एक खास कविता लिखी है।

अ,आ,इ,ई

सीख लो बेटा

अ, आ, इ, ई सीख लो बेटा

बड़ा होने में काम आएगा

वरना बौने कहलाओगे

पालने में ही रह जाओगे

​​जब भी टांगें फैलाओगे

दाएं बाएं टकराओगे

दोनों हाथ उठाकर भी

अंगड़ाई न ले पाओगे

सीख लो क, ख, ग, घ, म

जीने में आराम आएगा

अ, आ, इ, ई सीख लो बाबू

आगे चलकर काम आएगा

तीन साल की उम्र में बच्चे

‘मातृ भाषा’ बोल लेते हैं

मां की आंखें पढ़ लेते हैं

लाड़ के लड्‍डू मोल लेते हैं

ए, बी, सी, डी भी पढ़ जाना

चांद की टहनी पर चढ़ जाना

‘अंतरिक्ष’ सारा, तुम्हारा

‘मार्ज़’ से भी आगे बढ़ जाना

शिक्षा का वरदान है ले लो

संविधान में नाम आएगा

अ, आ, इ, ई सीख लो बेटा

बड़े होगे जब काम आएगा।

इस कविता का संगीत सीमाब सेन ने तैयार किया है। गुलजार साहब की आवाज में ये कविता सुनने के लिए ऊपर इमेज के वीडियो आइकॉन पर क्लिक करें…

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