सिंगापुर24 मिनट पहले
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18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने सिंगापुर में गुरुवार को वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया। उन्होंने चीन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से फाइनल हराया। ऐसा करने वाले वह दुनिया के सबसे युवा प्लेयर बने। इससे पहले 1985 में रूस के गैरी कैस्परोव ने 22 साल की उम्र में खिताब जीता था।
गुकेश ने चीनी खिलाड़ी को 14वें गेम में हराकर टाइटल जीता। 25 नवंबर को चैंपियनशिप का फाइनल शुरू हुआ था, 11 दिसंबर तक दोनों के बीच 13 गेम खेले गए। स्कोर यहां 6.5-6.5 से बराबर था। गुकेश ने आज 14वां गेम जीता और एक पॉइंट की बढ़त लेकर स्कोर 7.5-6.5 कर दिया।
चेस चैंपियन बनते ही गुकेश की आंखों से आंसू निकल आए। वह फूट-फूट कर रोने लगे।
विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी
गुकेश चेस के वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले भारत के दूसरे ही प्लेयर बने। 2012 में विश्वनाथन आनंद चेस चैंपियन बने थे। गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था। तब वह इस खिताब को जीतने वाले भी सबसे युवा प्लेयर बन गए थे।
चैंपियन बनने के बाद गुकेश भावुक हो गए। इसके बाद उनकी आंखों से आंसू निकल आए।
11वां गेम गुकेश ने जीता, 12वें में लिरेन की वापसी
रविवार तक 11 गेम के बाद गुकेश 6-5 से आगे थे। 11 में से 8 गेम ड्रॉ रहे थे, जबकि 2 में गुकेश और 1 में लिरेन को जीत मिली थी। लिरेन ने फिर वापसी की और 12वां गेम जीत लिया और स्कोर फिर बराबर कर दिया। बुधवार को 13वीं बाजी में 68 चाल के बाद गुकेश को गेम ड्रॉ खेलना पड़ा था। तब स्कोर 6.5-6.5 से बराबरी पर था। गुकेश ने तीसरा, 11वां और 14वां गेम जीता। वहीं लिरेन ने पहला और 12वां गेम जीता। बाकी गेम ड्रॉ रहे।
138 साल के इतिहास में पहली बार 2 एशियाई खिलाडी हुए आमने-सामने
इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) के 138 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब एशिया के 2 खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियन के खिताब के लिए आमने-सामने थे। चैंपियन बनने वाले गुकेश को 20.86 करोड़ रुपए (2.5 मिलियन यूएस डॉलर) मिलेंगे।
वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप फाइनल के दौरान डी गुकेश।
कौन हैं डी गुकेश?
गुकेश डी का पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। वह चेन्नई के रहने वाले हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी।
नागैया इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी रहे हैं और चेन्नई में चेस के होम ट्यूटर हैं। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी। गुकेश के पिता डॉक्टर हैं और मां पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्ट हैं।
गुकेश ने चेस ओलिंपियाड भी जिताया था
भारत इसी साल चेस ओलिंपियाड का चैंपियन भी बना था।
10 से 23 सितंबर को इसी साल बुडापेस्ट में चेस ओलिंपियाड का आयोजन हुआ था। भारत ओपन और विमेंस दोनों कैटेगरी में चैंपियन बना था। ओपन कैटेगरी में गुकेश ने ही फाइनल गेम जीतकर भारत को जीत दिलाई थी। पढ़ें पूरी खबर…