GST Council Approves Major Rate Reform sources: Only 5% and 18% Slabs Remain, Over 175 Daily-Use Items to Become Cheaper | GST काउंसिल मीटिंग का आज दूसरा दिन: कल 12% और 28% टैक्स स्लैब हटाने को मंजूरी मिलने का दावा; जूते-कपड़े समेत 175 सामान सस्ते होंगे

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नई दिल्ली5 मिनट पहले

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GST दरों में बदलाव और सुधार के लिए 3 सितंबर से जारी GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग का आज दूसरा दिन है। सूत्रों के मुताबिक कल की बैठक में काउंसिल ने मौजूदा स्ट्रक्चर को सरल करने के लिए सिर्फ दो टैक्स स्लैब 5% और 18% ही लागू करने की मंजूरी दी है।

अभी GST के 4 टैक्स स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% मौजूद हैं। नए बदलावों के बाद 12% और 28% टैक्स स्लैब हटा दिए जाएंगे। इसके बाद TV, फ्रिज, कपड़े जूते समेत 175 से ज्यादा डेली यूज के आइटम्स सस्ते हो जाएंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज यानी 4 सितंबर को बैठक खत्म होने के बाद मीटिंग में लिए गए फैसलों का ऐलान किया जा सकता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग नई दिल्ली में चल रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग नई दिल्ली में चल रही है।

कल की बैठक के हाइलाइट्स

कपड़े और जूते सस्ते होंगे: सूत्रों के मुताबिक, 2,500 रुपए तक के जूते और कपड़ों पर जीएसटी दर घटाकर 5% की जा सकती है, जिससे ये चीजें ग्राहकों के लिए सस्ती हो जाएंगी।

एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए जल्द रजिस्ट्रेशन: NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक अब माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) और स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन में लगने वाला समय 30 दिन से घटाकर सिर्फ 3 दिन कर दिया गया है।

निर्यातकों के लिए ऑटोमेटिक रिफंड: निर्यातकों को अब जीएसटी रिफंड ऑटोमेटिक मिलेगा। इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है, जिससे उनका काम आसान होगा।

स्वास्थ्य बीमा और जीवन रक्षक दवाएं सस्ती होंगी: मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी काउंसिल ने बीमा प्रीमियम की दरों में कटौती करने पर सहमति जताई है, जिससे स्वास्थ्य बीमा लेना सस्ता हो जाएगा। इसके साथ ही, जीवन रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी दरें कम होने की उम्मीद है।

ऑटोमेटिक रिटर्न फाइलिंग का प्रस्ताव: CNBC के मुताबिक जीएसटी परिषद ने ऑटोमेटिक रिटर्न फाइलिंग सिस्टम लाने का प्रस्ताव भी रखा है, जिससे जीएसटी से जुड़े नियमों का पालन करना और भी आसान हो जाएगा।

लग्जरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर टैक्स बढ़ेगा: मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, 20 लाख रुपए से अधिक कीमत वाली लग्जरी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी दर 5% से बढ़कर 18% हो सकती है।

बैठक में स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन में लगने वाला समय 30 दिन से घटाकर सिर्फ 3 दिन कर दिया गया है।

बैठक में स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन में लगने वाला समय 30 दिन से घटाकर सिर्फ 3 दिन कर दिया गया है।

नई टैक्स दरें 22 सितंबर से लागू हो सकती हैं

केंद्र सरकार GST की नई दरें 22 सितंबर से लागू कर सकती है। सरकार का मकसद नवरात्रि और फेस्टिव सीजन में कई सेक्टरों में डिमांड और सेल्स को बढ़ावा देना है।

वहीं CNBC की रिपोर्ट में बताया गया था कि सरकार GST काउंसिल से दरों में बदलावों को तत्काल प्रभाव से मंजूरी देने की अपील कर रही है।

दरअसल, सरकार कई प्रमुख सेक्टरों में बिक्री की रफ्तार धीमी होने की आशंका से चिंतित है। इसके लिए वह राज्यों के रेवेन्यू लॉस से जुड़ी चिंताओं को दूर करने पर भी काम कर रही है।

175 आइटम्स पर GST दरों में कटौती संभव

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि करीब 175 आइटम्स पर GST दरों में कटौती हो सकती है। जिनमें फूड इंग्रेडिएंट्स, बादाम, स्नैक्स, रेडी-टू-ईट आइटम, जैम, घी, मक्खन, अचार, मुरब्बा, चटनी, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, AC और रेफ्रिजरेटर आदि चीजें शामिल हैं।

सूत्रों का कहना है कि अगर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) के रेट कटौती प्रस्‍ताव को GST काउंसिल स्वीकार कर लेती है, तो सभी आइटम्स पर एवरेज GST रेट घटकर 10% से नीचे आ जाएगी, जो अभी लगभग 11.5% है।

मीटिंग में विपक्षी राज्यों ने कहा है कि कंपनियों को कम टैक्स का फायदा उठाकर मुनाफाखोरी नहीं करने देना चाहिए।

मीटिंग में विपक्षी राज्यों ने कहा है कि कंपनियों को कम टैक्स का फायदा उठाकर मुनाफाखोरी नहीं करने देना चाहिए।

GST कटौती का फायदा जनता को मिले, कंपनियों को नहीं

सूत्रों के मुताबिक, GST काउंसिल की मीटिंग में विपक्षी राज्यों ने केंद्र से राजस्व की सुरक्षा और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की मांग की है। विपक्षी राज्यों का कहना है कि कंपनियों को कम टैक्स का फायदा उठाकर मुनाफाखोरी नहीं करने देना चाहिए। टैक्स में कटौती का पूरा लाभ सीधे ग्राहकों की जेब तक पहुंचना चाहिए।

साथ ही, वे चाहते हैं कि नए टैक्स स्लैब से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए एक साफ-सुथरी मुआवजा योजना बनाई जाए। कुछ बीजेपी शासित राज्यों ने भी इस बदलाव से राजस्व घाटे की चिंता जाहिर की है।

क्या चाहते हैं विपक्षी राज्य ?

जब 2017 में GST लागू हुआ था, तब केंद्र ने राज्यों को पांच साल तक राजस्व नुकसान की भरपाई का वादा किया था। इसके लिए लग्जरी और सिन गुड्स (हानिकारक सामान) पर सेस लगाया गया था, लेकिन यह व्यवस्था जून 2022 में खत्म हो गई। अब विपक्षी राज्य चाहते हैं कि 40% लग्जरी टैक्स से मिलने वाला पैसा राज्यों की तिजोरी में जाए, ताकि उनकी माली हालत न बिगड़े।

GST काउंसिल के कुल 33 मेंबर्स मीटिंग में शामिल हैं। इनमें केंद्र की ओर से वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री और राज्यों की ओर से वित्त या टैक्सेशन से जुड़े मंत्री शामिल हैं।

GST काउंसिल के कुल 33 मेंबर्स मीटिंग में शामिल हैं। इनमें केंद्र की ओर से वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री और राज्यों की ओर से वित्त या टैक्सेशन से जुड़े मंत्री शामिल हैं।

GST काउंसिल के मंत्रियों के समूह से मिल चुकी है मंजूरी

पिछले हफ्ते ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने केंद्र सरकार के दो स्लैब वाले प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 21 अगस्त को बताया था कि ग्रुप ने मौजूदा 12% और 28% की दरों को हटाकर 5% और 18% के स्ट्रक्चर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

PM ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी रिफॉर्म्स का ऐलान किया था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से कहा था कि इस साल दिवाली में बड़ा तोहफा मिलने वाला है। हम नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स लेकर आ रहे हैं। सामान्य लोगों के लिए टैक्स कम कर देंगे, रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएगी, लोगों को बहुत फायदा होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी रिफॉर्म्स का ऐलान किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी रिफॉर्म्स का ऐलान किया था।

ये सामान सस्ते होंगे: इन पर टैक्स 12% से 5% होगा

एक्सपर्ट के मुताबिक, सूखे मेवे, ब्रांडेड नमकीन, टूथ पाउडर, टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल, सामान्य एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर दवाएं, प्रोसेस्ड फूड, स्नैक्स, फ्रोजन सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क, कुछ मोबाइल, कुछ कंप्यूटर, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, गीजर जैसी चीजें सस्ती होंगी।

इनके अलावा बिना बिजली वाले पानी के फिल्टर, इलेक्ट्रिक आयरन, वैक्यूम क्लीनर, 1000 रुपए से ज्यादा के रेडीमेड कपड़े, 500-1000 रुपए की रेंज वाले जूते, ज्यादातर वैक्सीन, एचआईवी/टीबी डायग्नोस्टिक किट, साइकिल, बर्तन पर भी कम टैक्स लगेगा।

ज्योमेट्री बॉक्स, नक्शे, ग्लोब, ग्लेज्ड टाइल्स, प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग, वेंडिंग मशीन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन, कृषि मशीनरी, सोलर वॉटर हीटर जैसे प्रोडक्ट भी 12% के टैक्स स्लैब में आते हैं। दो स्लैब की मंजूरी के बाद इन पर 5% टैक्स लगेगा।

ये सामान भी सस्ते होंगे: इन पर टैक्स 28% से 18% होगा

सीमेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट, चॉकलेट, रेडी-मिक्स कंक्रीट, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, डिशवॉशर, निजी विमान, प्रोटीन कॉन्सेंट्रेट, चीनी सिरप, कॉफी कॉन्सेंट्रेट, प्लास्टिक प्रोडक्ट, रबर टायर, एल्युमिनियम फॉयल, टेम्पर्ड ग्लास, प्रिंटर, रेजर, मैनिक्योर किट, डेंटल फ्लॉस।

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1. GST सुधार से अमेरिकी टैरिफ का असर कम होगा: दावा- टैक्स कटौती से खपत ₹5.31 लाख करोड़ बढ़ सकती है, इससे इकोनॉमी को सपोर्ट

भारत पर अमेरिका के टैरिफ का ज्यादा असर नहीं होगा। यह दावा फिच सॉल्यूशंस की कंपनी BMI ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में होने वाले सुधार से टैक्स रेट कम होंगे जिससे खपत बढ़ेगी।

इससे अमेरिका के टैरिफ दबाव को कम किया जा सकेगा। GST सुधार और इनकम टैक्स में हालिया कटौती से खपत में ₹5.31 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हो सकती है। जो GDP का लगभग 1.6% है।

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2. GST में 12% और 28% वाले स्लैब खत्म होंगे: 5% और 18% स्लैब को GoM की मंजूरी, इससे रोजाना इस्तेमाल की चीजें सस्ती होंगी

GST काउंसिल के मंत्रियों के समूह ने GST के 12% और 28% के स्लैब को खत्म करने की मंजूरी दे दी है। अब GST के सिर्फ दो स्लैब 5% और 18% ही होंगे। लग्जरी आइटम्स 40% के दायरे में आएंगे। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) के संयोजक सम्राट चौधरी ने इसकी जानकारी दी। अभी जीएसटी के 4 स्लैब 5%, 12%, 18%, और 28% होते हैं।

GoM की बैठक पर इसके संयोजक सम्राट चौधरी ने कहा- हमने केंद्र सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिसमें 12% और 28% के जीएसटी स्लैब को खत्म करने की बात है।

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