Ground report from 9 districts of western Rajasthan | पश्चिमी राजस्थान के 9 जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट: कनेक्शन तो 10.47 लाख दे दिए, इंदिरा गांधी नहर में गांवों के लिए पानी ही नहीं – Pali (Marwar) News

जल जीवन मिशन योजना के तहत पश्चिमी राजस्थान के 9 जिलों में साल 2019 से अब तक 10.47 लाख से ज्यादा घरेलू नल कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। लेकिन, जमीनी सच बेहद चौंकाने वाला है। जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू की प्यास

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साल 2019 से अब तक 10.47 लाख से ज्यादा कनेक्शनों में अभी तक एक बूंद भी नहीं पहुंची है। जबकि लोग रसीदें कटवा चुके हैं। दूसरी-जिस इंदिरा गांधी नहर के भरोसे कनेक्शन किए जा रहे हैं, उससे वर्तमान में शहरी क्षेत्र की आपूर्ति भी पूरी नहीं हो पा रही। साल 2017 में 15 लाख की आबादी मानकर प्रतिदिन 800 एमएलडी पानी की जरूरत मानी गई थी। अब वर्तमान में आबादी 22 लाख के पार कर चुकी है और इसके लिए 1250 एमएलडी पानी चाहिए। जिसमें से 1224 एमएलडी पानी की ही सप्लाई हो पा रही है।

जोधपुर के कई गांवों में एक बार भी नहीं पहुंचा पानी, नागौर के 20 गांवों में जलसंकट

नल तो दे दिए मगर पानी नहीं आ रहा

नागौर के खेरवाड़ में 1 साल से पानी की टंकी बन गई। पाइप बाहर पड़े हैं, क्योंकि पानी चढ़ाने के लिए व्यवस्था नहीं है। इजूलाल खोजा व प्रेमाराम खोजा ने बताया कि नल तो दे दिए मगर पानी नहीं आ रहा।

नागौर जिले के टांगला निवासी गंगा सिंह बताते हैं कि 24 दिसंबर 2021 को कनेक्शन की 1250 रुपए की रसीद काटी थी, लेकिन पानी नहीं आया। खेरवाड़ सहित आसपास के 20 गांवों में यही हालत है।

जोधपुर जिले की खारी बेरी में उच्च जलाशय बनाकर 150 कनेक्शन कर दिए। एक साल पहले बनी टंकी में पानी सिर्फ टेस्टिंग करने के लिए भरा था। उसके बाद अभी तक एक बार भी पानी नहीं आया है। पाइप बाहर पड़े हैं।

बाड़मेर की सिवाना पंचायत क्षेत्र में पानी की टंकी बनाकर छोड़ दी गई है। इसके पास पाइप लाइन खुली पड़ी है। ऐसे ही हालत जिले की अन्य ग्राम पंचायतों और ग्रामीण क्षेत्रों में है। ग्रामीण पूछ रहे कि नलों तक पानी कब पहुंचेगा?

शहरी क्षेत्रों की मांग पूरी नहीं कर पा रहे तो ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 40 क्यूसेक पानी कहां से आएगा?

649 किलोमीटर लंबी इंदिरा गांधी नहर के हेरिक बैराज से रोज 18,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है। राजस्थान में इसकी लंबाई करीब 204 किलोमीटर है। प्रति 100 क्यूसेक में करीब 225 एमएलडी पानी होता है। फिलहाल जोधपुर को 240 क्यूसेक, बाड़मेर को 50, जैसलमेर ग्रामीण को 70, जैसलमेर शहर को 30, पोकरण को 30, नागौर को 70 और बीकानेर को 120 क्यूसेक पानी हर दिन दिया जाता है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के नए कनेक्शन के अनुसार प्रत्येक जिले में औसत 30 से 40 क्यूसेक ज्यादा पानी की जरूरत होगी।

नागौर में डिमांड और सप्लाई में अंतर

साल 2017 की शहरी जनसंख्या के अनुसार नागौर जिले को प्रतिदिन 74 एमएलडी पानी चाहिए। डब्ल्यूएचओ के डाटा अनुसार प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी की जरूरत होती है। वर्तमान में नागौर के शहरी क्षेत्रों में यह डिमांड 115 एमएलडी तक पहुंच चुकी है। ऊपर से यहां ग्रामीण क्षेत्रों में 1 लाख 72790 पानी कनेक्शन और कर दिए।

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