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नई दिल्ली50 मिनट पहले
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भारत सरकार ने सैमसंग और उसके अधिकारीयों को 601 मिलियन डॉलर यानी 5,150 करोड़ रुपए का टैक्स डिमांड नोटिस भेजा है। हाल के सालों में किसी कंपनी को भेजा गया ये अब तक का सबसे बड़ा टैक्स डिमांड नोटिस है।
सरकार ने एक आदेश में कहा कि सैमसंग और उसके अधिकारीयों ने की-टेलीकॉम इक्विपमेंट्स के इंपोर्ट पर टैरिफ से बचने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया था। हालांकि, अब कंपनी और अधिकारीयों को पिछला टैक्स और जुर्माना भरना होगा।
आदेश को टैक्स ट्रिब्यूनल या कोर्ट में चुनौती दे सकती है कंपनी
कंपनी सरकार के इस आदेश को टैक्स ट्रिब्यूनल या कोर्ट में चुनौती दे सकती है। यह टैक्स डिमांड भारत में सैमसंग के पिछले साल के 955 मिलियन डॉलर यानी 8,183 करोड़ रुपए के नेट प्रॉफिट का एक बड़ा हिस्सा है। भारत के कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन मार्केट में सैमसंग सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।
कंपनी के 7 अधिकारियों पर ₹693 करोड़ का जुर्माना लगाया गया
सैमसंग को 520 मिलियन डॉलर (4,451 करोड़ रुपए) का भुगतान करने का आदेश दिया गया, जिसमें बकाया टैक्स और 100% जुर्माना शामिल है। इसके अलावा भारत में कंपनी के सात अधिकारियों पर 81 मिलियन डॉलर (693 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया है।
इन अधिकारियों में नेटवर्क डिवीजन के वाइस चेयरमैन सुंग बीम हांग, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर डोंग वोन चू, जनरल मैनेजर फॉर फाइनेंस शीतल जैन और सैमसंग के इनडायरेक्ट टैक्स के लिए जनरल मैनेजर निखिल अग्रवाल के नाम भी शामिल हैं।
इंपोर्ट को गलत क्लासिफाई करने के लिए 2023 में चेतावनी मिली थी
- सैमसंग को मोबाइल टावरों में यूज किए जाने वाले जरूरी ट्रांसमिशन कंपोनेंट पर 10% या 20% के टैरिफ से बचने के लिए इंपोर्ट को गलत तरीके से क्लासिफाई यानी वर्गीकृत करने के लिए 2023 में चेतावनी दी गई थी।
- कंपनी अपने नेटवर्क डिवीजन के जरिए टेलीकॉम इक्विपमेंट्स का इंपोर्ट करती है। तब कंपनी ने इन आइटम्स को इंपोर्ट किया और बिलिनेयर मुकेश अंबानी की टेलीकॉम दिग्गज कंपनी रिलायंस जियो को बेचा था।

2018 से 2021 तक सैमसंग ने कोरिया और वियतनाम से 6,711 करोड़ रुपए की वैल्यू के कंपोनेंट के इंपोर्ट पर कोई बकाया नहीं चुकाया है।
सैमसंग ने भारत की टैक्स अथॉरिटी पर जांच खत्म करने का दबाव डाला
सैमसंग ने भारत की टैक्स अथॉरिटी पर जांच को खत्म करने का दबाव डाला था। तब कंपनी ने यह कहा था कि कंपोनेंट पर टैरिफ नहीं लगता है और अधिकारियों को सालों से इसकी क्लासिफिकेशन प्रैक्टिस के बारे में पता था। हालांकि, कस्टम अथॉरिटी ने 8 जनवरी को अपने एक आदेश में कंपनी के बयान पर असहमति जताई थी।
सैमसंग ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया: कमिश्नर ऑफ कस्टम्स
कमिश्नर ऑफ कस्टम्स सोनल बजाज ने कहा कि सैमसंग ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा कंपनी ने कस्टम अथॉरिटी के सामने क्लीयरेंस के लिए जानबूझकर झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। जांचकर्ताओं ने पाया कि सैमसंग ने सभी बिजनेस एथिक्स, इंडस्ट्री प्रैक्टिसेज और स्टैंडर्ड्स का उल्लंघन किया है।
कंपनी ने भारतीय कानूनों का अनुपालन किया है: सैमसंग का बयान
सैमसंग ने बयान में कहा कि कंपनी ने भारतीय कानूनों का अनुपालन किया है। साथ ही कंपनी अपने अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानूनी विकल्पों का आकलन कर रही है।
2021 में शुरू हुई जांच, कंपनी के ऑफिसों की हुई थी तलाशी
सैमसंग की जांच 2021 में तब शुरू हुई, जब टैक्स इंस्पेक्टर्स ने मुंबई और नई दिल्ली में कंपनी के ऑफिसों की तलाशी ली थी। तब टैक्स इंस्पेक्टर्स ने डॉक्यूमेंट्स, ईमेल और कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को भी जब्त किया था। इसके बाद कंपनी के कुछ शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ भी की गई थी।
2018 से 2021 तक ₹6,711 करोड़ के इंपोर्ट पर बकाया नहीं चुकाया
टैक्स इंस्पेक्टर्स ने पाया था कि 2018 से 2021 तक सैमसंग ने कोरिया और वियतनाम से 784 मिलियन डॉलर यानी 6,711 करोड़ रुपए की वैल्यू के कंपोनेंट के इंपोर्ट पर कोई बकाया नहीं चुकाया है।
सरकार ने कहा कि टेलीकॉम टावरों पर लगाया जाने वाला यह कंपोनेंट सिग्नल ट्रांसमिट करता है और इस पर टैरिफ लगता है। हालांकि, सैमसंग ने इस बात पर असहमति जताई है।