नई दिल्ली25 मिनट पहले
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
आदि और नादिर ने गोदरेज इंडस्ट्रीज अपने पास रखी है, जिसमें पांच लिस्टेड कंपनियां हैं। फोटो: आदि गोदरेज (आदि गोदरेज)
साबुन से लेकर लॉकर तक देश के हर घर में अपनी जगह बनाने वाला गोदरेज ग्रुप अब बंटने वाला है। गोदरेज फैमिली ने 127 साल पुराने ग्रुप को दो भागों में बांटने को लेकर समझौता किया है। इस समझौते के तहत एक हिस्सा 82 साल के आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर का है। वहीं, दूसरा चचेरे भाई जमशेद और बहन स्मिता गोदरेज को मिला है।
गोदरेज और उनके भाई को लिस्टेड कंपनियां मिलेंगी
आदि और नादिर ने गोदरेज इंडस्ट्रीज अपने पास रखी है, जिसमें पांच लिस्टेड कंपनियां हैं। जमशेद और स्मिता को गैर-लिस्टेड कंपनी गोदरेज एंड बॉयस और मुंबई में उससे जुड़ी प्रमुख संपत्ति सहित लैंड बैंक मिला है।
गोदरेज इंडस्ट्रीज समूह में लिस्टेड कंपनियां गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज कंज्यूमर, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज हैं। इनके चेयरमैन नादिर गोदरेज होंगे और नियंत्रण आदि गोदरेज, नादिर और परिवार करेगा। आदि के 42 वर्षीय बेटे पिरोजशा गोदरेज गोदरेज इंडस्ट्रीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष होंगे। वे अगस्त 2026 में नादिर की जगह लेंगे।
दूसरी ओर, गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप में गोदरेज एंड बॉयस और उसके सहयोगी शामिल हैं, जिसकी एयरोस्पेस और विमानन से रक्षा, फर्नीचर और आईटी सॉफ्टवेयर तक कई उद्योगों में मौजूदगी है। इसे अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में जमशेद गोदरेज द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। उनकी बहन स्मिता की 42 वर्षीय बेटी न्यारिका होल्कर इसकी कार्यकारी निदेशक होंगी। इसी ग्रुप के पास मुंबई में 3,400 एकड़ का लैंड बैंक भी है। ग्रुप की टोटल वैल्यू करीब 2.34 लाख करोड़ रुपए है।
तीन साल से चल रही थी बंटवारे की प्रक्रिया
गोदरेज ग्रुप में बंटवारे की प्रक्रिया 3 साल से चल रही थी। अब बंटवारे के बाद परिवार के सदस्य एक-दूसरे की कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर निकल जाएंगे। आदि और नादिर गोदरेज ने इस साल की शुरुआत में गोदरेज एंड बॉयस के बोर्ड से इस्तीफा दिया, जबकि जमशेद गोदरेज ने जीसीपीएल और गोदरेज प्रॉपर्टीज के बोर्ड से सीट छोड़ दी है।
1897 में हुई थी स्थापना : ग्रुप की स्थापना 1897 में अर्देशिर गोदरेज और पिरोजशा बुर्जोरजी गोदरेज ने की थी। ग्रुप की टोटल वैल्यू करीब 2.34 लाख करोड़ रुपए है।
अखबार से मिला था ताले बनाने का आइडिया
गोदरेज ग्रुप के फाउंडर आर्देशिर गोदरेज ने 3 हजार रुपए लेकर सर्जरी ब्लेड का अपना पहला बिजनेस शुरू किया, जो आगे चल नहीं पाया। ‘मेड इन इंडिया’ लिखवाने के लिए अंग्रेजों से अड़ गए गोदरेज गोदरेज का पहला बिजनेस फेल होने का कारण था उनका देशप्रेम।
आर्देशिर गोदरेज का पहला बिजनेस भले ही ठप हो गया मगर उन्होंने हार नहीं मानी। एक दिन अखबार पढ़ते हुए उनकी नजर एक खबर गई। ये खबर बंबई में चोरी की घटनाओं से जुड़ी थी। बंबई के पुलिस कमिश्नर ने लोगों को अपने घर और दफ्तर की सुरक्षा बेहतर करने के लिए कहा था। बस इस खबर से आर्देशिर के दिमाग में ताले बनाने का आइडिया आ गया।
ऐसा नहीं है कि उस वक्त ताले नहीं थे। मगर गोदरेज ने ऐसे लॉक्स बनाए, जो पहले की तुलना में ज़्यादा सुरक्षित थे। एक बार फिर कर्ज लेकर बॉम्बे गैस वर्क्स के बगल में 215 वर्ग फुट का गोदाम खोला और वहां ताले बनाने का काम शुरू कर दिया। इसके साथ ही साल 1897 में जन्म हुआ ‘गोदरेज’ कंपनी का। कुछ समय बाद उनके छोटे भाई पिरोजशा भी इस व्यवसाय में शामिल हुए और उन्हें गोदरेज ब्रदर्स के नाम से जाना जाने लगा।