बिहार के लोग विदेश में जहां रहते हैं, वहां धूमधाम से छठ महापर्व मना रहे हैं। यहीं वजह है कि अमेरिका, दुबई, आबुधाबी समेत कई देशों में छठ महापर्व मनाया जा रहा है। गया जिले के राकेश सिंह अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं। वहां उनकी पत्नी रजत विभा
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इस रिपोर्ट में पढ़िए अमेरिका, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन में बिहार के लोग कैसे छठ मना रहे हैं। वहां अर्घ्य कहां पर दिया जाता है। इसकी क्या व्यवस्था की जाती है। छठ की सामग्री विदेशों में कैसे मिलती है।
10 वर्ष से अमेरिका में कर रहे हैं छठ
अमेरिका में रहने वाले बिहार के दंपती पिछले 10 वर्षों से सैन फ्रांसिस्को में छठ कर रहे है। गया के रहने वाले राकेश सिंह ने बताया कि ‘मेरी पत्नी अपनी ने सहेली शालिनी के साथ साल 2014 में छठ करना शुरू किया था। उस दौरान कुछ ही लोग छठ व्रत करते थे। इसके बाद साल दर साल व्रतियों की संख्या बढ़ती गई। इस साल 30 व्रती यहां छठ कर रही हैं।’
15000 डॉलर खर्च होता है
राकेश सिंह ने बताया कि ‘सैन फ्रांसिस्को में छठ पूजा के लिए लोग क्वेरी लेक पहुंचते हैं। करीब 1700 लोग घाट पर पहुंचते हैं। यहां सभी तरह के अरेंजमेंट करने के लिए कई महीनों तक लगना पड़ता है। एक साल छठ करने में करीब 15000 डॉलर का खर्च आता है। सारे पैसे सभी छठ करने वाले लोग मिलकर देते हैं। सभी लोग खुद से मदद करते हैं। सभी मिलकर बर्तन साफ करते हैं और ठेकुआ बनाते हैं। सुबह वाले अर्घ्य के बाद प्रसाद लोगों के बीच बांटते है।
रजत विभा बिहार की तरह छठ मनाती हैं। यह तस्वीर पिछले साल की है।
शाम के घाट के बाद भरते हैं कोशी
छठव्रती रजत विभा ने बताया कि ‘बिहार की तरह ही यहां छठ करते हैं। चार दिन तक धूमधाम से छठ पर्व मनाते हैं। अमेरिका में भी बिहार की तरह हमारे मित्र छठ के कार्यों में मदद करते हैं। छठ करते हुए इतने साल हो गए हैं कि ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ कि हम हिंदुस्तान से बाहर है। जैसा हम बचपन से देखते आए हैं, बिल्कुल वैसा ही यहां पर करते हैं।’
आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में छठ पूजा
हाजीपुर के रहने वाले राम सुखमणि का परिवार तीन पीढ़ी से मेलबर्न में रह रहा हैं। राम सुखमणि खुद छठ करती हैं। वहीं, प्रियंका पिछले 10 सालों से छठ पूजा कर रही हैं। वह लखीसराय की रहने वाली है। प्रियंका ने बताया कि ‘हम लोगों को महसूस ही नहीं होता है कि हम बिहार से बाहर हैं।’
मेलबर्न में छठ करती हैं प्रियंका।
थाईलैंड में छठ पर्व
भागलपुर के धनंजय प्रसाद शुक्ला थाईलैंड में रहते हैं। यहां शुखमावित गीता आश्रम स्ट्रीट के पास छठ करते हैं। इस साल वहां भारतीय परिवारों के साथ थाईलैंड के नुट्टीपोरन पारजुगलांग छठ पर्व कर रही हैं। थाइलैंड में रहने वाले सतीश शुक्ला ने बताया कि ‘छठ व्रत के लिए सूप-डाला-फल यहां आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। कुछ लोग ऑनलाइन भी मंगवाते हैं।’
इंग्लैंड के बर्मिंघम में एक साथ जुटते हैं 500 परिवार
इंग्लैंड के बर्मिंघम में भी छठ की धूम है। शहर के श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर में अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई है। यहां बिहार, झारखंड, पूर्वी यूपी के करीब 500 परिवार के लोग छठ पर्व में शामिल होते हैं। इस साल ‘बिहारीस बियॉन्ड बॉउंड्रीज’ ग्रुप के सौजन्य से छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है। अजय कुमार के परिवार में भी छठ होता है। उन्होंने बताया कि ‘इस साल बरर्मिंघम के करीब 100 अतिरिक्त परिवार हमारे साथ जुड़े हैं। इस बार और भी भव्य तरीके से छठ पर्व मनाया जाएगा।’
अमेरिका में न्यू जर्सी से लेकर फीनिक्स तक छठ पूजा
अमेरिका के न्यू जर्सी और फीनिक्स में छठ पर्व मनाया जा रहा है। बिहार और झारखंड के लोग यहां छठ करते हैं। भागलपुर की अंजू सिन्हा और पूजा पांडेय छठ कर रही हैं। दोनों फीनिक्स राज्य में पहली बार छठ कर रही है। यहां बिहार-झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका छठ पर्व के लिए घाट का आयोजन करती है। 2017 से एकजुट होकर लोग यहां छठ करते हैं। इस दौरान नजदीकी संबंध वाले परिवार साथ मिलकर ठेकुआ बनाते हैं। एसोसिएशन की ओर से आयोजित छठ पर्व में हजारों की संख्या में लोग अर्घ्य देने पहुंचते हैं।
इंग्लैंड में प्रवासी भारतीय कर रहे छठ का आयोजन
यूनाइटेड किंगडम में बसे भारतीयों के लिए इस साल भी छठ महापर्व का आयोजन बिहारी कनेक्ट यूके संस्था कर रहा है। आस्था के इस भव्य महापर्व को छह से आठ नवंबर तक लंदन के हाउंस्लो के ब्रह्मर्षि आश्रम में मनाया जाएगा। इसमें बिहार और झारखंड के लगभग दो हजार से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। संस्था के राजीव सिंह औक वीरेंद्र राय ने बताया कि ‘इस महापर्व के आयोजन का नेतृत्व रांची के निवासी कैप्टन ओम प्रकाश कर रहे हैं, जो बिहारी कनेक्ट यूके के सचिव भी हैं।’
मॉरीशस में छठ पूजा
मॉरीशस में बड़ी संख्या में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं। यहां छठ पूजा बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। तालाब के पास छठ पर्व का आयोजन किया जाता है। मॉरीशस की छठ पूजा में भारतीय परंपरा और संस्कृति का रंग पूरी तरह से देखने को मिलता है।