मां दो बच्चों के साथ किराना लेने निकली और आग की चपेट में आ गई।
सूरत के गोडादरा में गुरुवार को अंडरग्राउंड डीजीवीसीएल केबल बिछाने के दौरान बड़ा हादसा हो गया। केबल ड्रिलिंग के दौरान गुजरात गैस कंपनी की मेन लाइन में लीकेज से भीषण आग लग गई। रिहायशी क्षेत्र के निकट हुई इस दुर्घटना में 30 से 40 फीट ऊंची आग की लपटें उठ
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गंभीर हालत में चारों को स्मीमेर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से अधिक उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

गोडादरा के आस्तिक नगर स्थित केशव पार्क सोसायटी के पास डीजीवीसीएल के काम के लिए सड़क के नीचे मशीन से ड्रिलिंग की जा रही थी। इसी दौरान गुजरात गैस की मुख्य लाइन में फाल्ट हो गया और किसी तरह निकली चिंगारी से आग लग गई। गैस का फ्लो तेज होने से आग ने भीषण रूप धारण कर लिया और 30 फीट ऊंची तक भीषण लपटें उठने लगीं। पास के मकान में रहने वाला एक दंपती अपने दो बच्चों के साथ नीचे उतरते समय आग की लपटों की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गए।

स्मीमेर अस्पताल में एडमिट महिला।
कई दुकानें भी आग की चपेट में आईं घटना स्थल पर पहुंची फायर की टीम ने चारों घायलों को 108 एम्बुलेंस से स्मीमेर अस्पताल भेजा गया। आग की लपटें दूसरी मंजिल तक पहुंचने से घरों में रहने वाले परिवारों ने पिछली खिड़की के रास्ते टैरेस पर पहुंचे और दूसरी सीढ़ी से नीचे उतर कर जान बचाई। आग की चपेट में आने से 2 मोबाइल, 2 नावेल्टी, 1 कपड़े और 1 अगरबत्ती की दुकान जल गईं। फायर ब्रिगेड ने दो से तीन घंटे में आग पर काबू पाया।

हादसे में दो बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए।
7 घंटे बंद रही बिजली सप्लाई आग बुझाने के दौरान 7 घंटे तक इलाके में गैस और बिजली की सप्लाई बंद रही, जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई। गोडादरा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर हर्षद आचार्य ने कहा कि अगर किसी की लापरवाही पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अभी तक किसी पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। डीजीवीसीएल का अंडरग्राउंड केबल डालने का काम चल रहा था। उसी दौरान यह हादसा हुआ।

कई दुकानें भी आग की चपेट में आईं।
डीजीवीसीएल हादसे की जांच कराएगी इस क्षेत्र में अंडरग्राउंड केबल डालने का काम 3-4 महीने से चल रहा है। कभी कोई शिकायत नहीं आई। हम कोई भी काम करने से पहले गुजरात गैस को इसकी जानकारी दे देते हैं। घटनास्थल पर गुजरात गैस का कर्मचारी भी मौजूद था। उसकी निगरानी में ही काम चल रहा था। गैस कैसे लीक हुई और यह हादसा कैसे हो गया यह सब जांच का विषय है। -एनजी पटेल, एडि. चीफ इंजीनियर, डीजीवीसीएल
एक बच्चा को बालकनी से सुरक्षित रेस्क्यू किया पहली मंजिल पर रहने वाले कमलेश रवानी बाजार में मजदूरी करते हैं। आग लगने के बाद वह पहली मंजिल की गैलरी से नीचे बैठकर आग से बचते हुए पीछे की ओर खिड़की तक पहुंचे और खिड़की से छज्जे पर उतरे, जहां से मकान के पीछे कूदकर जान बचाई। इस भागदौड़ के दौरान उनका 7 साल का बेटा शनि कमरे में ही रह गया था। शनि ऊपरी कमरे में ही छूट गया है यह याद आते ही वह पास ही खड़ी लाॅरी पर चढ़कर बालकनी तक पहुंचा और बालकनी से शनि को नीचे लॉरी पर खड़े लोगों को देकर सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया।