Gariaband 543 teachers of Raipur division were summoned | रायपुर संभाग के 543 शिक्षकों को किया तलब: पदांकन मामले की विभागीय जांच; 8 अफसर हुए थे सस्पेंड, 40 सेकंड में दर्ज कराने होंगे बयान – Gariaband News

रायपुर संभाग के 543 शिक्षकों को किया तलब।

पदोन्नत के बाद नियम ताक में रख मनचाही जगह पाने पदांकन संशोधन कराने वाले रायपुर संभाग के 543 शिक्षकों को संभागीय संयुक्त संचालक ने तलब किया है। शिक्षक 23 और 24 सितंबर को बयान दर्ज कराएंगे। गरियाबंद जिले के130 शिक्षक समेत रायपुर, महासमुंद, धमतरी जिले क

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साल भर पहले संभाग के 1500 से ज्यादा सहायक शिक्षकों को शिक्षक एलबी में पदोन्नत किया गया था। साथ-साथ उन्हें नए स्कूलों में पदोन्नत किया गया था। लेकिन इनमें से 543 शिक्षक ऐसे थे जिन्होंने संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय के जिम्मेदार से सांठ-गांठ कर लिया था।

आर्थिक लेनदेन के लगे थे आरोप

तब तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर के कुमार पर आर्थिक लेनदेन कर अलग-अलग आदेश जारी करने के आरोप लगे थे। मामले में शासन ने सितंबर 2023 में बड़ा एक्शन लेते हुए के कुमार और उनकी टीम के अन्य 7 अफसर सीएस ध्रुव,आर के वर्मा, डी एस ध्रुव, शैल सिन्हा,उषा किरण खलको,संजय गोस्वामी, एस के गेंदले को निलंबित कर दिया था।

मामले की विभागीय जांच जारी है। इसी जांच में अब साक्ष्य सूची में शामिल संभाग के 543 शिक्षकों को बयान दर्ज कराने रायपुर BTI मैदान स्थित संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय तलब किया गया है।

40 सेकंड में कैसे दर्ज होगा बयान

शिक्षा विभाग की किरकिरी करने वाले यह मामला जितना गंभीर है, उसके जांच की चाल और बयान दर्ज करने के तरीके पर सवाल खड़ा हो रहा है। जारी आदेश के मुताबिक सूची के क्रमांक 1 से लेकर 275 नंबर तक शामिल साक्ष्य 23 सितंबर को जबकि उसके बाद शेष बचे 268 को 24 सितंबर को अपना बयान दर्ज कराना है। समय दोपहर 11 से 4 बजे तक है, बीच में 2 से 3 बजे तक लंच का समय है। प्रत्येक घंटे 55 साक्ष्य का बयान दर्ज होगा। ऐसे में एक को केवल 40 सेकंड का समय दिया गया है।

जरूरतमंद स्कूल शिक्षक से वंचित हुए

पदोन्नत के साथ-साथ काउंसिलिंग हुई, इसी समय ही शिक्षकों को रिक्त स्कूलों में जरूरत के आधार पर पदांकन किया गया था। लेकिन जेडी ने नियम को ताक में रख कई भागों में संशोधन आदेश जारी कर जरूरतमंद स्कूलों को शिक्षक से वंचित रखा।

संशोधन आदेश के लिए कोई ठोस वजह नहीं दर्शाई गई बल्कि ठोस रकम इसका आधार बना। दफ्तर में इसके लिए कोक्टेक्ट अफसर बनाए गए। लाइजेनिंग कर्मी , रकम कलेक्शन के ठिकाने और कोड वर्ड भी तय थे। मामले में 2 करोड़ से ज्यादा की उगाही और बंदरबांट की खबर फैली थी। जिसके बाद शासन ने कार्रवाई का डंडा चलाया था।

अजीत सिंह जाट (सहायक संचालक शिक्षा संभाग रायपुर) ने कहा कि पदोन्नति के बाद पदांकन मामले में हुई गड़बड़ी के बाद निलंबित अफसरों की विभागीय जांच के लिए साक्ष्य के बयान लेने बुलाया गया है। 55 साक्ष्य के लिए एक घंटे निर्धारित है, इस अवधि में उन्हें जांच कमेटी द्वारा पूर्व से तय सवाल के बिंदुओ के कॉपी दिए जायेंगे। जिसमे वे दिए गए समय के भीतर अपना जवाब लिख जमा करेंगे।

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