गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने पर सेना ने पारंपरिक धुन बजाई।
उत्तरकाशी स्थित चारधाम यात्रा के प्रमुख तीर्थस्थल गंगोत्री धाम के कपाट आज यानी 22 अक्टूबर को सुबह 11:36 मिनट पर बंद कर दिए गए। सुबह धार्मिक परंपरा के अनुसार साल की आखिरी पूजा की गई। इस मौके पर मंदिरों को फूलों, झालरों और दीपों से भव्य रूप से सजाया गय
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कपाट बंद होने से पूर्व मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहितों की देखरेख में मां गंगा की भोग मूर्ति व उत्सव डोली का शास्त्रोक्त (शास्त्रों में वर्णित ) पूजन-अर्चन किया गया। इसके बाद सेना बैंड की अगुआई में डोली मुखीमठ के मुखवा गांव के लिए रवाना हुई। डोली के प्रस्थान के दौरान श्रद्धालुओं ने “हर हर गंगे” के जयघोष के साथ मां गंगा को विदा किया।
डोली आज रात विश्राम देवी मंदिर में विश्राम करेगी और भैयादूज के पावन पर्व पर यानी गुरुवार को मुखवा गांव पहुंचेगी। परंपरा के अनुसार शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा मंदिर में अगले छह महीनों तक मां गंगा की पूजा-अर्चना और दर्शन होंगे। मुखवा गांव में ग्रामीणों ने दीपों और फूलों से स्वागत की पूरी तैयारी कर ली है।
गंगोत्री धाम की PHOTOS…

गंगोत्री धाम को फूलों और लाइटों से सजाया गया।

दिवाली पर गंगोत्री धाम को दियो से सजाया।

कपाट बंद होने ले पहले भक्तों की भीड़ लगी।

गंगोत्री धाम का तापमान -3 से 16°C के बीच है और लोग ठंड से बचने के लिए जैकेट पहने नजर आए।
मंदिर समिति सचिव बोले- विधि विधान से हुई पूजा
मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि कपाट बंदी की सभी प्रक्रियाएं विधि विधानपूर्वक सम्पन्न की गईं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, सेना के जवान, पुलिस प्रशासन और तीर्थ पुरोहित उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि जैसे ही डोली मुखवा पहुंचेगी, वहां विशेष पूजा-अर्चना के साथ मां गंगा की शीतकालीन आराधना का आरंभ होगा
कल बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट
यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को भैयादूज के दिन दोपहर 12:30 बजे बंद होंगे। इसके साथ ही मां यमुना की उत्सव मूर्ति को पारंपरिक विधि-विधान से खरसाली गांव स्थित शीतकालीन मंदिर में लाया जाएगा। श्रद्धालु शीतकाल में खरसाली में मां यमुना के दर्शन-पूजन कर सकेंगे।
यमुनोत्री मंदिर समितियों ने कपाटबंदी की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। दोनों धामों के साथ-साथ मुखवा और खरसाली गांवों के मंदिरों को भी विशेष रूप से सजाया गया है। प्रशासन और पुलिस विभाग द्वारा सुरक्षा, यातायात और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं।
जनपद प्रशासन के अनुसार, इस यात्रा सत्र में कुल 14,02,128 तीर्थयात्री उत्तरकाशी जिले में स्थित इन दोनों धामों में पहुंचे। इनमें से 7,57,762 श्रद्धालु गंगोत्री धाम और 6,44,366 श्रद्धालु यमुनोत्री धाम पहुंचे। यह यात्रा सत्र भक्ति, आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर रहा। अब श्रद्धालु मां गंगा और मां यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थलों मुखवा और खरसाली गांवों में दर्शन करने पहुंचेंगे।

